सेना को चीन ने रोका: सीमा पर बंद कर दिया रास्ता, अपनी ही जमीन पर नहीं गए सैनिक

डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बेहद जरूरी इलाका है। डेप्सांग कूटनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी ज्यादा अहम माना जाता है। यह भारत के लिए दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप के साथ काराकोरम पर्वतीय क्षेत्र में जाने के लिए अहम है।

Update:2020-09-17 15:46 IST
सेना को चीन ने रोका: सीमा पर बंद कर दिया रास्ता, अपनी ही जमीन पर नहीं गए सैनिक

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। ये तनाव अगस्त महीने के आखिरी में और बढ़ गया। चीनी सेना की ओर से की गई घुसपैठ के बाद से सीमा पर पहले जैसी स्थति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच उच्चस्तरीय बैठकें जारी हैं। लेकिन अभी भी स्थिति में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। कहा जा रहा है कि लद्दाख के कई इलाकों में भारतीय और चीनी सैनिक एकदम आमने सामने हैं।

भारत ने किया इन चोटियों पर कब्जा

गौरतलब है कि जब चीनी सैनिकों ने अगस्त महीने के आखिरी में पेंगॉन्ग के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ करने की कोशिश की, तो ना केवल भारतीय जवानों ने उन्होंने मार खदेड़ा, बल्कि दक्षिणी किनारे की ओर अहम चोटियों पर कब्जा भी कर लिया। सेना ने गुरंग हिल, मगर हिल, मुखपरी, रेचिन ला जैसी अहम चोटियों पर अपना अधिकार वापस जमा लिया। भारतीय सेना ने चीन द्वारा कब्जाई गई जमीनों पर फिर से अपना अधिकार जमा लिया है।

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15 साल से नहीं हुई भारतीय सैनिकों की वापसी (फोटो- सोशल मीडिया)

15 साल से नहीं हुई भारतीय सैनिकों की वापसी

लेकिन क्या आपको बता है कि ऐसा ऐसी भी जगह है, जहां पर भारतीय सेना 10-15 साल से नहीं जा सकी है। चीन और भारत में मई महीने से तनाव जारी है, ऐसे में आपने कई इलाकों के नाम सुने होंगे, लेकिन इस दौरान डेप्सांग के मैदानों (Depsang Plains) का कोई जिक्र नहीं किया गया। एक अधिकारी ने इस दौरान बताया कि डेप्सांग के मैदानों में भारत का कोई भी क्षेत्र चीन के कब्जे में नहीं है, लेकिन यहां पर बीते 15 सालों से सेना नहीं जा सकी है।

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भारत का कट गया संपर्क

अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान पश्चिमी मोर्चे पर अब तक भारतीय सेना से इंगेज है, जिसके चलते भारतीय सेना को दूसरे कमांड की टुकड़ियों के जरिए लद्दाख में अपनी मौजूदगी का दायरा बढ़ाना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपनी दो ब्रिगेड्स डेप्सांग के मैदानी इलाके में तैनात की हुई हैं, जिससे भारत का संपर्क ट्रैडिनशनल पैट्रोलिंग प्वाइंट पीपी 10 से लेकर पीपी 13 तक कट गया। अधिकारी के मुताबिक चीन ने हमारे ही इलाके से हमारा ही संपर्क काटने की कोशिश मौजूदा गतिरोध से कुछ हफ्ते पहले ही की थी।

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कूटनीतिक तौर पर काफी अहम है डेप्सांग मैदान

बता दें कि डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बेहद जरूरी इलाका है। डेप्सांग कूटनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी ज्यादा अहम माना जाता है। यह भारत के लिए दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप के साथ काराकोरम पर्वतीय क्षेत्र में जाने के लिए अहम है। रिपोर्ट के मुताबिक, 972 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर 15 साल से कोई भी गश्त नहीं हुई है। अधिकारी के मुताबिक, पहले हम उन पैट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाया करते थे लेकिन अब चीनी सेना हमें रोकती है। फिर भी हमने वहां के इलाके में कुछ भी नहीं खोया है।

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सीमा पर मजबूत स्थिति में भारत

बता दें कि लद्दाख के कई इलाकों में भारतीय और चीनी सैनिक आमने सामने हैं और अभी भी वहां तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। हालांकि कहा ऐसा भी जा रहा है कि भारतीय सेना काफी ऊंचाई पर है और इसका फायदा उन्हें लड़ाई में मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना किसी-किसी इलाके में लगभग 30 मंजिल की ऊंचाई पर डटी हुई है। भारतीय सेना अभी सीमा पर मजबूत स्थिति में है।

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