India China Face Off: तवांग झड़प के बाद वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन, युद्धाभ्यास में गरजेंगे राफेल-सुखोई और अन्य लड़ाकू विमान

India China Face Off: भारतीय वायुसेना की ओर से पूर्वोत्तर में चीन सीमा के पास दो दिनों के युद्धाभ्यास का कार्यक्रम तय किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-12-15 05:51 GMT

Indian Air Force fighter aircraft Rafale Sukhoi (photo: social media )

India China Face Off: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की कुटिल साजिश को नाकाम करने के लिए भारत पूरी तरह सतर्क हो गया है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुई झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देकर बैकफुट पर तो ढकेल दिया है मगर इस सीमाई इलाके में भारत की ओर से अब अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना की ओर से पूर्वोत्तर में चीन सीमा के पास दो दिनों के युद्धाभ्यास का कार्यक्रम तय किया गया है।

आज और कल होने वाली इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय वायुसेना की ओर से ड्रैगन को अपनी ताकत दिखाई जाएगी। इस युद्धाभ्यास में राफेल और सुखोई समेत देश के अन्य प्रमुख लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे। वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक इस युद्धाभ्यास का मकसद पूर्वी सेक्टर में अपनी क्षमता और ऑपरेशन का परीक्षण करना है ताकि जरूरत पड़ने पर दुश्मन सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

युद्धाभ्यास का कार्यक्रम पहले से ही तय

भारतीय सेना की ओर से समय-समय पर युद्धाभ्यास के जरिए सैन्य कर्मियों की तैयारियों के साथ सेना के विभिन्न उपकरणों को भी जांचा-परखा जाता है। इसी कड़ी में पूर्वी सेक्टर में चीनी सीमा के पास युद्धाभ्यास का यह कार्यक्रम तय किया गया है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पिछले दिनों हुई झड़प को देखते हुए इस युद्धाभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।

वायुसेना के सूत्रों का कहना है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के पहले ही इस युद्धाभ्यास के कार्यक्रम को तय किया गया था। सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना के साथ हुई झड़प से इस युद्धाभ्यास कार्यक्रम का कोई लेना देना नहीं है। हालांकि इतना जरूर है कि 9 दिसंबर को हुई झड़प के बाद तवांग सेक्टर में सेना की तैनाती बढ़ाने के साथ ही अतिरिक्त सतर्कता जरूर बरती जा रही है।

सभी लड़ाकू विमान होंगे शामिल

वायुसेना के सूत्रों का कहना है कि चीनी सीमा के पास 15 और 16 दिसंबर को होने वाले युद्धाभ्यास कार्यक्रम में सुखोई और राफेल समेत भारतीय वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे। भारतीय वायुसेना की ओर से फ्रंटलाइन पर कई एयर बेस और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स भी बनाए गए हैं और युद्धाभ्यास कार्यक्रम में इन सभी का इस्तेमाल किया जाएगा। भारतीय वायुसेना की ओर से तेजपुर, हाशीमारा, जोरहाट और चाबुआ एयरबेस पर युद्धाभ्यास का कार्यक्रम तय किया गया है।

वायुसेना की पूर्वी कमांड की ओर से चीन, म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं की निगरानी की जाती है और वायुसेना की पूर्वी कमान ही इस युद्धाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेगी। वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास के जरिए इस बात का परीक्षण किया जाएगा कि विशेष हालात में कितनी तेजी से आक्रामक और सुरक्षात्मक रणनीति को अमल में लाया जा सकता है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बाद भारतीय वायुसेना ने पिछले हफ्ते भी एलएसी पर अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया था।

चीन से झड़प के बाद संसद गरमाई

इस बीच चीनी सेना के साथ हुई झड़प के बाद देश की संसद का माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को इस मुद्दे को उठाते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की। लोकसभा और राज्यसभा में तत्काल चर्चा की इजाजत न मिलने के बाद नाराज विपक्ष ने दोनों सदनों से वाकआउट कर दिया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीनी घुसपैठ की कई घटनाएं हो चुकी हैं मगर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सदन में कोई चर्चा नहीं कराई गई।

दूसरी और पूर्व सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हर साल चीनी सेना की ओर से अतिक्रमण की कोशिश की जाती है। भारतीय सेना की सतर्कता के कारण हर बार चीनी सेना को मुंह की खानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ठंड शुरू होने से पहले चीन तीन चार बार भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश करता है।

Tags:    

Similar News