चीन ने भारत के खिलाफ उठाया अब तक का सबसे बड़ा कदम, दुनिया भर में हलचल

दुनिया भर में चीन की पहचान एक धोखेबाज मुल्क के तौर पर होती है। वह बात-बात पर झूठ बोलता है और दुनिया भर में केवल भ्रम फैलाने का काम करता है। कोरोना वायरस को फैलाने में उसकी भूमिका संदिग्ध रही है। अमेरिका, जापान और भारत समेत दुनिया भर के कई बड़े मुल्क उसकी साजिश के बारें में जान चुके हैं। हर तरफ उसकी आलोचना हो रही है। इस बात से वह चिढ़ा हुआ है और कभी अमेरिका तो कभी भारत और ताइवान पर हमले की धमकी दे रहा है। उसका मकसद केवल ऐसा करके लोगों का ध्यान भटकाना है।

Update: 2020-10-17 05:21 GMT
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में विघटन पर सैन्य-कूटनीतिक स्तर के आठवें दौर की वार्ता के लिए तारीख को लेकर भारत चीन की पुष्टि का इंतजार कर रहा है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कई बार दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर वार्ताएं भी हुई लेकिन इस विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया।

कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि ये सभी बैठकें बेनतीजा ही रही हैं। जिसका नतीजा ये हुआ है कि आज दोनों देशों की सेनाएं लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएएसी) पर आमने -सामने हथियार लेकर डटी हुई हैं।

बॉर्डर पर आज युद्ध जैसे हालात हैं। कई दौर की वार्ताएं होने के बाद भी दोनों में से कोई भी देश अपनी सेना को वापस लेने को तैयार नहीं है। दोनों देश एक दूसरे को अपनी सेना पीछे ले जाने को बोल रहे हैं। इस बात पर तनातनी और बढ़ती ही जा रही है।

इस बीच चीन ने एक बार फिर से भारत को धमकी दी है। चीन काफी समय से ताइवान पर अपना दावा करता आया है और ताइवान का समर्थन करने वाले दूसरे देशों को धमकी देता रहता है।

इसी कड़ी में उसने इस बार भारत को ताइवान का समर्थन करने पर धमकी दी है। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा है कि यदि भारतीय शक्तियां ताइवान को लेकर खेलती हैं तो चीन पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की कार्रवाई कर सकता है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

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सिक्किम को अलग करने की धमकी

बता दें कि ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने ट्वीट करते हुए लिखा है- भारतीय राष्ट्रवादियों को आत्मचिंतन करना चाहिए। उनका देश नाजुक है।

यदि भारत की सामाजिक ताकतें ताइवान के मुद्दे पर खेलती हैं, तो उन्हें ये बात मालूम होनी चाहिए कि हम पूर्वोत्तर भारत में अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर सकते हैं और सिक्किम को अलग कर सकते हैं। इन तरीकों से हम जवाबी कदम उठा सकते हैं।

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चीन की सेना की फोटो(सोशल मीडिया)

आखिर क्यों गुस्से में है चीन

मालूम हो कि बीते दिनों भारतीय मीडिया ने ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू का इंटरव्यू किया था। जोसफ वू ने इंटरव्यू में ये बात कही थी कि ताइवान कभी चीन का हिस्सा रहा ही नहीं है।

इतना ही नहीं ही उन्होंने विश्व के दूसरे बड़े मुल्कों से ताइवान के अस्तित्व को स्वीकार करने की भी बात कही थी। जिसके फौरन बाद भारत में मौजूद चीनी दूतावास ने का इस मामले पर ताजा बयान सामने आया था।

जिसमें इस इंटरव्यू में कही गई बातों पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी साथ में ये कहा गया था कि ताइवान को मंच देने से वन-चाइना पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है।

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