LAC पर तनाव: भारत-चीन के बीच फिर बातचीत, पहली बार होगा ऐसा

लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति जारी है। अब इस बीच एक बार फिर बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी। अगस्त के आखिर में तनाव बढ़ने के बाद बातचीत बंद हो गई थी।

Update: 2020-09-21 03:42 GMT
लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति जारी है। अब इस बीच एक बार फिर बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी।

 

नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति जारी है। अब इस बीच एक बार फिर बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी। अगस्त के आखिर में तनाव बढ़ने के बाद बातचीत बंद हो गई थी।

सोमवार को दोनों देशों में कॉर्प्स कमांडर लेवल की बात होगी विवाद को सुलझाने, सैनिकों की संख्या कम करने पर जोर रहेगा।

भारत की तरफ से इस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (कॉर्प्स कमांडर) शामिल होंगे, तो वहीं चीन की तरफ से मेजर जनरल लिन लिउ (PLA) मौजूद होंगे। यह दोनों देशों के बीच बैठक मोल्डो क्षेत्र में होगी।

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सबस बड़ी बात यह है कि इस बार भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के अधिकारी नवीन श्रीवास्तव भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। नवीन संयुक्त सचिव हैं और विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया विभाग में कार्यरत हैं। इसके अलावा वो उस पैनल में शामिल हैं, जो चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करती है।

भारतीय डेलिगेशन में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के अलावा मेजर जनरल अभिजीत बापत, मेजर जनरल पदम शेखावत, दीपक सेठ (IG ITBP) और चार अन्य ब्रिगेडियर शामिल होंगे। भारत ने स्थिति साफ कर दी है कि वो एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा और अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा।

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इस बैठक में देपसांग का मामला भी उठ सकता है, क्योंकि चीन की तरफ से बड़े स्तर पर यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई गई है। इसके अलावा मुख्य फोकस पैंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जारी हलचल को लेकर होगा। भारत की तरफ से गलवान की तरह ही इन इलाकों में सैनिकों को हटाने की मांग की जाएगी। विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों के बीच जो बैठक हुई थी और उसमें जो तय किया गया था, भारत की तरफ से उन्हीं बातों का पालन करने की मांग होगी।

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भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कई बार साफ कर चुके हैं कि सीमा पर हालात बिगड़ने के पीछे चीन की जिद है, चीन एलएसी को नहीं मान रहा है। ऐसे में भारत को ना ही कोई पैट्रोलिंग से रोक सकता है और ना ही कोई LAC को बदल सकता है। इन्हीं मामले को आगे बातचीत होगी।

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