कोविड वैक्सीनेशन में यूपी अव्वल, राजस्थान बना रोल मॉडल, अन्य राज्यों का ये हाल

राजस्थान को कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी और प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने पूरे देश में सबसे बढ़िया राज्य माना।

Update:2021-03-08 12:28 IST
इन राज्यों में फिर कोरोना का खतरा, सरकार ने किसी भी दिन टीका लगाने की मंजूरी दी

रामकृष्ण वाजपेयी (Ram Krishna Bajpai)

कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत में राजस्थान बहुत तेजी से देश का रोल मॉडल बनकर उभर रहा था। महत्वपूर्ण बात यह थी कि विश्व स्वास्थ संगठन ने उसे कोविड गाइडलाइन के सारे मानकों में ग्रीन मार्क दिया। लेकिन राजस्थान को कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी और प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने पूरे देश में सबसे बढ़िया राज्य माना था। बाद में टीकाकरण में उत्तर प्रदेश बहुत तेजी से उभरा और देश में नंबर एक पर आ गया।

टीकाकरण की शुरुआत राजस्थान से

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पांच कैटेगरी में से राजस्थान को ग्रीन कलर की श्रेणी में रखा था। यानी राजस्थान ने बहुत अच्छे तरीके से कोरोना टीकाकरण अभियान को शुरू किया। इस बारे में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट करके कहा था कि राजस्थान का कोविड वैक्सीनेशन का रोल मॉडल देश के सामने प्रस्तुत करेंगे।

वैक्सीनेशन की तैयारियों की ये कैटेगरी

राजस्थान के कोरोना वैक्सीनेशन प्रोजेक्ट निदेशक डॉ. रघुराज ने भी कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने राज्य सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों जैसे कि परिवहन व्यवस्था, कोल्ड स्टोरेज, आपूर्ति प्लान आदि को देखने के बाद ग्रीन मार्क की कैटेगरी में रखा।

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WHO ने कुछ राज्यों को ग्रीन कैटेगरी में रखा

राजस्थान के लिए ये बड़ी उपलब्धि रही कि जिस समय डब्ल्यूएचओ ने कुछ प्रदेशों को सीमित मानकों में ही ग्रीन कैटेगरी में रखा उस समय राजस्थान को मानकों में यह उपलब्धि हासिल हुई।

देश मे 1.3 करोड़ लोगों का टीकाकरण

भारत में 1.3 करोड़ से अधिक लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। इस बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित करने के साथ भारत वैक्सीनेशन में विश्व में तीसरे नंबर पर है।प्रति लाख 20,185 टीकाकरण कर, अरविंद केजरीवाल का राज्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस श्रेणी में शीर्ष पांच में से एक है। हालांकि राजग के घटक जनता दल यू के नीतीश कुमार के बिहार में प्रति लाख चार हजार 814 टीकाकरण दर्ज किया गया है, जो कि सबसे कम है।

16 जनवरी से हुई कोविड टीकाकरण की शुरुआत

भारत ने 16 जनवरी को अपने कोविद प्रतिरक्षण अभियान की शुरुआत की। यह ड्राइव हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर केंद्रित रहा, 1 मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण में दो अन्य श्रेणियों के लोगों को वैक्सीन खुराक लेने के लिए पात्र माना गया। पहले वे जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, और दूसरे वह जो 45 से अधिक के कॉमरेडिटी वाले हैं।

दो वैक्सीन भारत के पास, इन रोगों से ग्रसित लोगों का भी टीकाकरण

चूंकि सरकार ने comorbidities के लिए मानदंड नहीं बताया है। ऐसे में चिकित्सक के प्रमाणपत्र के साथ उच्च रक्तचाप के साथ गुर्दे की विफलता, हृदय, कैंसर, मधुमेह सहित अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोग लाभार्थी सूची में जोड़े जा जा सकते हैं। भारतीय टीकाकरण अभियान में दो टीके, कोविशिल्ड और कोवाक्सिन शामिल हैं। निर्धारित अवधि के अंतराल पर दोनो की दो खुराक जरूरी होती है।

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अगर टीकाकरण के नंबर पर गौर करें तो 25 फरवरी तक, उत्तर प्रदेश ने 12,26,775 लोगों को टीका लगाया था जो कि किसी भी अन्य राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से अधिक था। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र (10,87,111), उसके बाद राजस्थान (9,31,222), गुजरात (9,10,683), पश्चिम बंगाल (8,86,491), कर्नाटक (7,65,669), मध्य प्रदेश (7,24,350), बिहार (6,00,795), आंध्र प्रदेश (5,92,903), और ओडिशा (5,84,948) के नाम आते हैं।

सबसे कम टीकाकरण हुआ लक्षद्वीप में

इन आंकड़ों के मुताबिक 25 फरवरी तक सबसे कम टीकाकरण वाले राज्यों में लक्षद्वीप में 2,982 दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 7,425, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (7,762), लद्दाख (8,947), और पुदुचेरी (10,459) टैली में सबसे नीचे हैं।

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