Priyanka Gandhi Birthday special: 16 की उम्र में पहला भाषण, 52 में बनीं सांसद, विरोधियों को ऐसी देती हैं मात

Priyanka Gandhi Birthday special: प्रियंका गांधी में अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह जनता से कनेक्ट होने की कला तो है ही साथ ही उनमें राजनीति कौशल भी जबरदस्त है, विरोधियों को कब और किस मुद्दे को लेकर वार करना है यह वह अच्छी तरह से जानती हैं।;

Report :  Network
Update:2025-01-12 12:46 IST

Priyanka gandhi (Pic:Social Media)

Priyanka Gandhi Birthday special: प्रियंका गांधी का आज यानी 12 जनवरी को जन्म दिन है। वे केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। लोग उनमें उनकी दादी इंदिरा गांधी का अक्स देखते हैं। कभी उनके हेयर स्टाइल और कभी उनके भाषण को लेकर लोग अक्सर उनकी तुलना उनकी दादी से करते हैं। लोकसभा हो या चुनावी रैली वे अपने भाषण से लोगों को आकर्षित तो करती ही हैं साथ ही मजबूती के साथ अपना पक्ष भी रखती हैं।


पिछले दिनों जब उन्होंने संसद में भाषण दिया तो विरोधी भी उनके कायल हो गए। प्रियंका गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की वो नेता हैं जिन्होंने मात्र 16 साल की उम्र अपना पहला भाषण दिया था, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं की करीब बीस साल तक सक्रिय राजनीति में रहने के बाद भी उन्हें 52 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ने का मौका मिला और जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज किया। कांग्रेस पार्टी में जब भी कोई राजनीति संकट आता है तो प्रियंका गांधी मोर्चे पर खड़ी दिखती हैं।

प्रियंका गांधी भारतीय राजनीति की एक प्रभावशाली और करिश्माई नेता हैं। उनकी सोच और राजनीतिक समझ, कार्य करने की शैली और व्यक्तित्व में एक कुशल नेतृत्व की क्षमता झलकती है। राजनीति की बारीकी को वह अच्छी तरह से समझती हैं।


हिमाचल सरकार को गिरने से बचाया

प्रियंका गांधी में अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह जनता से कनेक्ट होने की कला तो है ही साथ ही उनमें राजनीति कौशल भी जबरदस्त है, विरोधियों को कब और किस मुद्दे को लेकर वार करना है यह वह अच्छी तरह से जानती हैं। कांग्रेस पर जब राजनीतिक संकट आता है तो प्रियंका गांधी मोर्चे पर खड़ी दिखती हैं। चाहे हिमाचल प्रदेश में विधायकों की नाराजगी के कारण अस्थिर हुई सरकार को बचाने का मामला रहा हो या फिर गांधी परिवार के खिलाफ कांग्रेस में बने जी 20 ग्रुप को समाप्त करना रहा है। प्रियंका गांधी हर मोर्चे पर खरी उतरीं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

12 जनवरी 1972 को नई दिल्ली में जन्मीं प्रियंका गांधी गांधी-नेहरू परिवार की सदस्य हैं। उनके पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी हैं, जो भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता रहे हैं। उनकी दादी, इंदिरा गांधी, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। प्रियंका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की।


राजनीतिक सफर

प्रियंका गांधी वैसे तो राजनीति में काफी समय से सक्रिय रही हैं। लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने का मौका 52 साल की उम्र में मिला। वे कांग्रेस पार्टी की रीढ़ हैं। वे यूपी में अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के लिए कई चुनावों से लगातार प्रचार करती आई हैं। उनके भाषणों की सहजता और जनता से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय बनाया। प्रियंका गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई। उसके बाद से उन्होंने अपनी रणनीति और कुशल नेतृत्व से पार्टी में नई ऊर्जा भरी।


जो उनको जनता से कनेक्ट करता है

प्रियंका गांधी में सबसे बड़ी ताकत ये है कि वे काफी सहज हैं और उनका जमीन से जुड़ाव है जो उन्हें जनता से कनेक्ट करता है। वे जनता की समस्याओं को अच्छी तरह से सुनती और समझती हैं। यही नहीं उनका समाधान समाधान खोजने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। वैसे तो वो हर मुद्दे को मजबूती के साथ उठाती हैं लेकिन महिलाओं और युवाओं के मुद्दों पर उनका विशेष फोकस होता है। प्रियंका गांधी ने अपनी कार्यशैली और कुशल राजनीति क्षमता से यह सिद्ध कर दिया है कि वे केवल एक राजनीतिक परिवार की सदस्य ही नहीं हैं बल्कि एक प्रभावशाली नेता भी हैं। जो राजनीति की हर बारीकियों को अच्छी तरह तो समझती ही हैं साथ ही उनका निदान करने की क्षमता भी रखती हैं।

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