Maha Kumbh 2025: इस्कान के गुरु प्रसाद स्वामी और गीता प्रेस के प्रतिनिधियों से मिलते उद्योगपति गौतम अदाणी

Maha Kumbh 2025: इस्कान एवं गीत प्रेस के प्रतिनिधियों से हाल मे हुई मुलाक़ात पर गौतम अदाणी का कथन था कि कुंभ सेवा की वो तपोभूमि है जहां हर हाथ स्वतः ही परमार्थ में जुट जाता है।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-12 15:11 IST

Maha Kumbh 2025 Gautam Adani meet Guru Prasad Swami and representatives of Gita Press ISKCON (Photo: Social Media)

Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ के लिए तैयार है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस आयोजन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पक्ष तो समृद्ध है ही, लेकिन इस आयोजन का आर्थिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाकुंभ 2025 में उम्मीद जताई जा रही है देश-दुनिया से लगभग 40 करोड़ लोग प्रयागराज की धरती पर आएंगे और इस पावन आयोजन का भागीदार बनेंगे। इसके चलते सरकार ने वहां बुनियादी सहित अन्य सुविधाओं पर भारी निवेश किया है। साथ ही लगभग 45 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम मे सेवाभाव के जरिये पुण्य कमाने के लिए बिजनेस जगत भी तैयार है।

सनातन के प्रति श्रद्धा भाव से ओत प्रोत दुनिया भर मे भारत का नाम कर रहे नामी उद्योगपति गौतम अदाणी ने गीता प्रेस और इस्कान जैसी धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं की सेवा, लाखों लोगों के लिए महाप्रसाद जैसी व्यवस्थाओं मे अपने हाथ बढ़ाए हैं। संदेश साफ है एक तरफ विश्व भर मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले इस्कान जैसी संस्था के माध्यम से प्रतिदिन लाखों लोगों को महाप्रसाद की व्यवस्थित सुचारु सेवा हो सकेगी वहीं पिछले 100 वर्षों से अपने धार्मिक साहित्यों के माध्यम से घर घर मे पैठ बनाने वाली गीता प्रेस से ली जाने वाली करोड़ों आरती संग्रह उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करेंगे।

इस्कान एवं गीत प्रेस के प्रतिनिधियों से हाल मे हुई मुलाक़ात पर गौतम अदाणी का कथन था कि कुंभ सेवा की वो तपोभूमि है जहां हर हाथ स्वतः ही परमार्थ में जुट जाता है। यह मेरा सौभाग्य है कि महाकुम्भ में हम इस्कान के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए ‘महाप्रसाद सेवा’ आरम्भ कर रहे हैं, जिसमें मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से लाखों लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं सनातन साहित्य के माध्यम से 100 वर्षों से राष्ट्र की सेवा कर रहे गीता प्रेस के सम्मानित पदाधिकारियों से मिलकर प्रेरणा प्राप्त हुई और गीता प्रेस के उत्कृष्ट सेवा कार्यों के प्रति आभार व्यक्त करने का सौभाग्य मिला। नि:स्वार्थ सेवाभाव और धर्म एवं संस्कृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना राष्ट्रप्रेम का ही एक रूप है, जिसके लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं।“ सच्चे अर्थों में सेवा ही राष्ट्रभक्ति का सर्वोच्च स्वरूप है।


144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ हो रहा है, तो उसकी खासियत और भी बढ़ जाती है। यह मेला खास है क्योंकि यह 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ के रूप में हो रहा है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। उत्तर प्रदेश सरकार के दावे के मुताबिक, महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे।

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के मुताबिक, साल 2013 के महाकुंभ में सरकार को 12,000 करोड़ का राजस्व मिला था। साल 2019 के कुंभ में सरकार को 1.2 लाख करोड़ का राजस्व मिला था। महाकुंभ 2025 में यह राजस्व बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए से 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। 2019 में हुए कुंभ में लगभग 6 लाख लोगों अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला था, जो इस साल डेढ़ गुणा तक बढ़ सकता है।

विभिन्न सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग एक एक कर जहां पूरी भव्यता के साथ इस दिव्य महाकुंभ से अपने को जोड़ रहे हैं वही सनातन के प्रति श्रद्धा भाव से ओत प्रोत नामी उद्योगपति गौतम अदाणी ने गीता प्रेस और इस्कान जैसी धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं की सेवा, लाखों लोगों के लिए महाप्रसाद जैसी व्यवस्थाओं मे अपने हाथ बढ़ाए हैं वह बेमिसाल है।

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