Army Day: अब गलवान और डोकलाम जैसे इलाकों का भी दौरा कर सकेंगे पर्यटक, आर्मी डे पर होगी योजना की शुरुआत
Army Day: बॉर्डर एरिया में स्थित गलवान और डोकलाम का इलाका पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है।;
Army Day: बॉर्डर एरिया में स्थित गलवान और डोकलाम का इलाका पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। इन दोनों के अलावा कुछ अन्य इलाकों का भी पर्यटक दौरा कर सकेंगे। मोदी सरकार ने बॉर्डर एरिया के रिमोट वाले इलाकों को भी पर्यटकों के लिए खोलने की योजना तैयार की है और इसकी शुरुआत 15 जनवरी को आर्मी डे पर की जाएगी। गलवान और डोकलाम को लेकर चीन के साथ भारत का लंबे समय तक विवाद चला था। अब सरकार की ओर से सेना की मदद से भारत रणभूमि दर्शन योजना की शुरुआत की जा रही है।
इसके लिए इसी नाम से एक डेडिकेटेड वेबसाइट भी लॉन्च करने की तैयारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आर्मी डे के मौके पर इसकी शुरुआत करेंगे। इसके तहत डोकलाम और गलवान के अलावा अन्य इलाकों में टूरिज्म को बढ़ावा देने की बड़ी योजना तैयार की गई है। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने पहले ही सरकार की इस योजना की जानकारी दी थी।
इन इलाकों का दौरा कर सकेंगे पर्यटक
जानकार सूत्रों का कहना है कि पर्यटकों को भारतीय सीमा पर स्थित दूरस्थ इलाकों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ‘शौर्य गंतव्य’ के लिए गलवान और डोकलाम के अलावा सियाचिन बेस कैंप, लिपुलेख दर्रा, किबितु और बूमला आदि स्थानों को भी शामिल किया गया है। सरकार और सेना की ओर से इन इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी है जहां हमारे जांबाजों ने वीरता दिखाने के साथ ही बलिदान दिया है।
सेना के जांबाजों की वीरता और बलिदान की कहानी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है और इसी कड़ी में पर्यटकों को इन इलाकों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पर्यटकों को दिया जाएगा शौर्य पत्र
इसके जरिए लोगों को यह जानने में भी मदद मिलेगी कि सीमा पर स्थित दूरस्थ इलाकों में हमारे सैन्य कर्मी कितनी विपरीत परिस्थितियों में रह रहे हैं। इससे लोगों के भीतर सैन्य कर्मियों के प्रति सम्मान की भावना और मजबूत होने की उम्मीद है। इन इलाकों में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और योजना भी तैयार की गई है।
इन इलाकों का दौरा करने वाले पर्यटकों को शौर्य पत्र भी दिया जाएगा। पर्यटकों को दिए जाने वाले शोर्य पत्र की तीन कैटेगरी होगी। इनमें सिल्वर शौर्य पत्र, गोल्ड शौर्य पत्र और प्लैटिनम शौर्य पत्र शामिल हैं। पर्यटकों को शौर्य पत्र देने के लिए मापदंड भी तय किया गया है। कोई टूरिस्ट कितने शौर्य स्मारक और कितने शौर्य गंतव्य में गया और कितनी बार गया, इसी आधार पर पर्यटकों को शौर्य पत्र देने की तैयारी है।
सरकार कर रही कई योजनाओं पर काम
सरकार और सेना की ओर से पिछले कुछ समय के दौरान सीमावर्ती इलाकों को विकसित करने के लिए काफी काम किया गया है। इन इलाकों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज सहित कई अन्य प्रकार की योजनाओं पर काम किया जा रहा है। अब इसी कड़ी में ‘भारत रणभूमि दर्शन’
योजना भी तैयार की गई है जिसके तहत दुर्गम इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाई जाएगी। भारत में पर्यटन व्यवसाय लगातार बढ़ता जा रहा है मगर सीमा पर स्थित दूरस्थ इलाकों में अभी तक पर्यटक नहीं जाते रहे हैं।
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सितंबर महीने के दौरान भारत रणभूमि दर्शन योजना की जानकारी दी थी। उनका कहना था कि सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। उनका यह भी कहना था कि इन इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही होने से इन इलाकों पर दुश्मन का दावा भी पूरी तरह खारिज हो जाता है। भारत सरकार और सेना को उम्मीद है कि इस योजना का बड़ा असर दिखेगा।