Gandhi Sagar National Park: भारत आएंगे और अफ़्रीकी चीते, कुनों को छोड़कर इस नई जगह होगा उनका ठिकाना
Gandhi Sagar National Park: चीतों के अगले बैच को गाँधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाया जायेगा। जिसे चीतों के रहने के लिए इस बार दूसरा ठिकाना चुना गया है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही बीस चीते रखे गये है जोकि उनकी क्षमता से ज्यादा है।
Gandhi Sagar National Park: भारत सरकार की तरफ से इस साल के अंत तक 12 से 14 चीते और भारत लाये जायेंगे। इस पूरे मामले में बात करने के लिए जल्द ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा। इस मामले से जुड़े दूसरे अधिकारीयों ने इस बात की जानकारी दी है कि केन्या के साथ इसको लेकर बातचीत की जा रही है। जो चीते साल के अंत तक भारत लाये जायेंगे उन्हें गाँधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखा जायेगा। उन्होंने ये भी कहा कि सितम्बर या ऑक्टूबर तक में भारत की तरफ से दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की जाएगी जिससे ग्राउंड लेवल पर बातचीत की जा सके। इस मामले को लेकर भारत की तरफ से दक्षिण अफ्रीका को यह बात पहले ही बता दी गई है।
गाँधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रहेंगे चीते
साल के अंत तक में आने वाले चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखा जाएगा। भारत में कूनो में तेंदुओं की आबादी ज्यादा हो गई है और उनका शिकार लगातार घटता जा रहा है जिसकी वजह से काफी दिक्कतों एक सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय समिति की तरफ से यह कहा गया कि काम शिकार होने की वजह से आने वाले चीतों को तेंदुओं से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। इन सब के आलावा अधिकारी इस व्यवस्था में भी लगे है कि उन्हें जल्द से जल्द कई और भेजा जाए।
गाँधी सागर वन्यजीव अभयारण्य का सबसे बड़ा लक्ष्य
गाँधी सागर वन्यजीव की बात करें तो यह 368 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। वहीं इसके आस पास कुल 2500 वर्ग किलोमीटर तक का अतिरिक्त क्षेत्र है। गाँध सागर में चीते लाने की योजना के अनुसार पहले चरण में 64 वर्ग किलोमीटर के शिकारी- रोधी बाड़ वाले क्षेत्र में पांच से आठ चीते छोड़े जायेंगे। जिनके प्रजनन का पूरा ध्यान रखा जायेगा। वहीं अधिकारीयों का सबसे बड़ा लक्ष्य कूनों-गाँधी सागर में 60 से 70 चीतों की मेटपॉपुलेशन स्थापित करना है।