चीन के इस बड़े झूठ से भारत ने उठाया पर्दा, अब पूरी दुनिया में छिपाता फिर रहा मुंह

चीन का भारत द्वारा बलपूर्वक जमीन कब्जा करने का आरोप एक बार फिर से झूठा साबित हुआ है। सैटेलाइट से ली गई ताजा उच्च क्षमता की तस्वीरों ने ये साफ़ कर दिया है कि चीन का ये आरोप बिल्कुल निराधार है।

Update:2020-09-10 14:47 IST
ताजा तस्वीरें बताती हैं कि झील के उत्तरी किनारे पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कुछ जगहों को खाली कर दिया है जहां पहले उनका कब्जा था।

नई दिल्ली: चीन का भारत द्वारा बलपूर्वक जमीन कब्जा करने का आरोप एक बार फिर से झूठा साबित हुआ है। सैटेलाइट से ली गई ताजा उच्च क्षमता की तस्वीरों ने ये साफ़ कर दिया है कि चीन का ये आरोप बिल्कुल निराधार है। हमारी सेना ने एलएसी को बिल्कुल भी क्रास नहीं किया है।

ये ताजा तरीन तस्वीरें 7 सितंबर को मैक्सार टेक्नोलॉजीज के उपग्रहों द्वारा ली गई थी। जिसमें यह भी साफ हुआ है कि हेलमेट टॉप पर ना तो चीनी सेना और और ना ही भारतीय सेना ने कब्जा किया है।

हालांकि तस्वीरों में चीनी सैन्य वाहनों के एक समूह की उपस्थिति और पहाड़ के नीचे स्थित कैंप में टेंट जरूर नजर आ रहे हैं। हेलमेट टॉप पूरी तरह खाली है।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

चीन की तरफ से अभी भी निर्माण कार्य जारी

ताजा तस्वीरें बताती हैं कि झील के उत्तरी किनारे पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कुछ जगहों को खाली कर दिया है जहां पहले उनका कब्जा था।

मीडिया रिपोर्ट में जैसा कि पहले बताया था, पीएलए ने फिंगर चार क्षेत्र को खाली कर दिया है, लेकिन फिंगर पांच और फिंगर आठ के बीच चीन की तरफ से अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य जारी है।

सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक फिंगर 4 क्षेत्र में जहां दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गईं थी वहां से चीन के नए कैंप की दूरी लगभग 1.7 किमी है।

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चीन की सेना की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

फिंगर 5 के किनारे पर निर्मित चीनी सेना के कैंप में 20 से अधिक बख्तरबंद गाड़ियां और भारी सैन्य वाहनों का जमावड़ा है।फिंगर 5 क्षेत्र में चीनी सेना के अतिरिक्त टेंट और दुश्मनों से मुकाबले के लिए जुटाई गई सामग्री को आसानी से देखा जा सकता है।

चीन ने जिस तरह से वहां तैयारी की है उससे लगता है कि चीन लंबे समय तक वहां टिके रहने के नजरिए से काम कर रहा है। उधर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव अभी भी चरम पर बना है।

पाकिस्तान की मदद से भारत विरोधी साजिश रच रहा चीन

ऐसे में चीन पाकिस्तान की सेना और आतंकियों को मोहरा बनाकर भारत के खिलाफ एक साथ दो मोर्चा खोलने की साजिश रच सकता है।क्योंकि चीन की ये पुरानी फितरत रही है।

जब से गलवान घाटी में और पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना के साथ चीनी सेना की झड़प हुई है और चीन को इसमें मुंह की खानी पड़ी है तब से वह और भी ज्यादा आग बबूला हो गया है।

उसके दिमाग में बस पुरानी पिक्चर घूम रही है। उसे केवल 1962 वाला युद्ध याद आ रहा है। तब चीन ने एलओसी पर पाकिस्तानी सेना को खड़ा -करके, भारत के खिलाफ एक साथ युद्ध के दो मोर्चे खोल दिये थे। अब एक बार फिर चीन उसी रास्ते की ओर बढ़ चला है।

भारत की खुफिया एजेंसियों को इनपुट्स मिले हैं कि भारत के खिलाफ एलओसी पर सेना की तैनाती बढ़ाने के बदले में चीन ने पाकिस्तान के साथ डील भी की है।

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