भारत का पहला इको फ्रेंडली गोबर पेंट लॉन्च, जानिए क्या है इसकी खासियत
इस पेंट की सबसे खास बात यह है, कि यह पहला ऐसा पेंट है जो की पूरी तरीके से पर्यावरण के अनुकूल है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं कि गई है, जो की आमतौर पर काफी पेंटों में मिलाई जाती है।
लखनऊ: हमारे भारत के अंदर अलग-अलग प्रकार के अविष्कार होते रहते हैं, जो की गाय के गोबर से विशेष प्रकार का पेंट बनाने की कोशिश की गई है। और साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने देश की पहली नए पेंट, लॉन्च किया है। जिसकी वजह से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है।
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इस पेंट को खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने अपने निवास पर विकसित किया है।
पेंट की खास बात
इस पेंट की सबसे खास बात यह है, कि यह पहला ऐसा पेंट है जो की पूरी तरीके से पर्यावरण के अनुकूल है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं कि गई है, जो की आमतौर पर काफी पेंटों में मिलाई जाती है। और साथ ही साथ यह गैर विषैले एंटिफंगल जीवाणुरोधी भी है। इसकी की और भी सबसे खास बात यह है कि इसमें 20 से 30 प्रतिशत गाय का गोबर मिला हुआ है। यह प्रभावी लागत के साथ साथ किसी भी प्रकार का गंध भी नहीं देता।
यह पेंट भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित भी किया गया है।
यह आपको दो तरीके के रूप में मिलेगा, डिस्टेंपर और प्लास्टिक इमल्शन।
आइए जानते हैं क्या है डिस्टेंपर ऑफ प्लास्टिक इमल्शन पेंट में अंतर
डिस्टेंपर थोड़ा सा उन्नत संस्करण का होता है, जीसे लोग आज कल बहुत आम लोग करते हैं क्योंकि यह किसी भी प्रकार के दीवार पर लगाया जाता है। लेकिन पलास्टिक इमल्शन अधिक उन्नत संस्करण का होता है। प्लास्टिक एमुल्जन डिस्टेंपर के मुकाबले थोड़ा महंगा भी होता है।
इसे किसी भी दीवार पर नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए एक अच्छी और उचित प्रकार की दीवार होनी चाहिए जिसपर यह आसानी पेंट से चिपक जाता है।
क्या यह वास्तव में पेंट की तरह काम करेगा?
यह पेंट सभी प्रकार की परीक्षा मापदंड को सफल कर चुका है। यह पेंट दीवार के अनुसार पतला आसानी से हो जाता है, जल्दी सुख जाता है और साथ ही साथ परिष्करण भी अच्छा देता है।
हर एक चीज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
जानकारी के मुताबिक यह 4 घंटे में पूरी तरीके से सूख जाता है। इसके अंदर आपको एक अलग प्रकार की चमक और चिकनाई देखने को मिलेगी। इसका इस्तेमाल घर के अंदर बाहर दोनों जगहों पर किया जा सकता है।
इस पेंट का आधार रंग सफेद होगा। और इसको किसी भी रंग के साथ मिलाकर आसानी से कोई भी रंग तैयार किया जा सकता है।
इस पेंट का प्रयोग का परीक्षण तीन राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में किया गया है। नेशनल टेस्ट हाउस (मुंबई), श्रीराम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च(नई दिल्ली),नेशनल टेस्ट हाउस (गाजियाबाद)।
खासियत
जयपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर मोहम्मद एसा खान ने बताया कि हमने 2018 से इस पेंट को बनाने के लिए शुरुआत कर दी थी। इसके बारे में काफी अनुसंधान किए, कई प्रकार के संयोजन और गोबर का इस्तेमाल कर रहे थे। और अंत हमे सफलता मिल गई। अब इस खास बात यह है कि अगर घर के बाहर बहुत गर्मी है तो यह घर के अंदर का तापमान ठंडा बनाए रखेगा। और अगर घर के बाहर मौसम ठंडा है तो यह घर के अंदर का तापमान साधारण बनाए रहेगा। और इसके साथ विकिरण की रोकथाम भी होगा अगर आप इस पेंट का इस्तेमाल करते हैं। ये सारे चीज़ें इस पेंट में मिलेंगी इसीलिए यह पेंट विशिष्ट है।
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इसके अलावा यह स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी स्थानीय रोजगार बनाने कि उम्मीद बढ़ावा दे सकता है। इससे किसानों को काफी फायदा हो सकता है। साथ ही सरकार का यह कहना है कि अगर किसानों के पास एक गाय है तो इससे लगभग हर साल 30,000 आय का फायदा हो सकता है।
रिपोर्ट: प्रिया सिंह बिसेन
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