नई दिल्लीः भारत को बड़ी राहत देते हुए अमेरिका ने सात अन्य देशों के साथ ईरान से तेल आयात करने की छूट दे दी है। जापान और दक्षिण कोरिया भी छूट पाने वालों में शामिल है। ये पूरी जानकारी अमेरिकी विदेशी मंत्री माइकल पांपियो ने दी है। अमेरिका ने 4 नवम्बर से ईरान पर नये आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जो 5 नवम्बर से प्रभावी हो जायेगा।
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ईरान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बात करने से किया इंकार
दरअसल अमेरिका ईरान से न्यूक्लियर डील पर बात करना चाहता है पर ईरान ने न्यूक्लियर कार्यक्रम पर बात करने से मना कर दिया है। अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर उस पर दबाव बनाना चाहता है। अमेरिका ने दुनिया को सभी देशों से 4 नवंबर के बाद से ईरान से तेल नहीं खरीदने की अपील की है। हालांकि, वह कुछ देशों को इस शर्त के तेल खरीदनें की छूट दे रहा है कि वे धीरे-धीरे ईरान से तेल खरीद की मात्रा घटाते रहेंगे। भारत की यह दलील है कि अगर ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया गया, तोतेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी, जिससे तेल आयात करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था पर नकरात्मक असर पड़ेगा।
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चीन सबसे बड़ा आयातक
चीन भी अमेरिका से ईरान से तेल खरीदनें की छूट की मांग रहा है क्योंकि चीन ईरान से तेल आयात करना वाला सबसे बड़ा आयातक देश है। इसलिये उम्मीद जताई जा रही है कि छूट पाने वाले देशों में भारत, जापान, दक्षिण कोरिया के अलावा चीन भी होगा। लेकिन छूट पाने वाले चार अन्य देश कौन से हैं, इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
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ईरान पर लगी पाबंदी हो असरदार
ट्रंप प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि ईरान पर लगाई गई पाबंदी को असरदार बनाया जाये ताकि दुनिया के सामने उसकी हनक बेकार न जायें। यही कारण है कि अमेरिका कई देशों को तेल खरीदनें के लिये नरमी बरत रही है। उसके इस निर्णय से बाजार में तेल की पर्याप्त आपूर्ति होती रहेगी और तेल के दाम में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी।
ऑइल मार्केट में छूट की खबर आते ही कच्चे तेल की कीमतों में 15 प्रतिशत की कमी आ गई और कच्चे तेल का दाम 85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के तेल आपूर्ति बढ़ाने के आश्वासन ने भी कच्चे तेल के भाव को स्थिर किया।
लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया कि ईरान से कितनी मात्रा में तेल आयात करने की छूट दी जाएगी।