India Maldives Relation: भारत को लेकर मुइज्जू ने बदले तेवर! पीएम मोदी का किया धन्यवाद, जानिए 10 सालों में कैसे रहे रिश्ते
India Maldives Relation: सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत को तेवर दिखाए। उकसाने वाली बयानबाजी की गई। मगर भारत ने आक्रमक जवाब के बजाय कूटनीति के रास्ते अपनी एहमियत का एहसास दिलाया।
India Maldives Relation: मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने पीएम मोदी के बाद आज शाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस दौरे के पीछे भारत की अहम रणनीति नजर आ रही है। भारत भी ‘नेबहरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ के तहत मालदीव को खास अहमियत देता रहा है। पिछले दस सालों में पीएम मोदी भी दो बार मालदीव का दौरा कर चुके हैं। मुइज्जू से पहले वहां ब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार थी। सोलिह ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने की कोशिशें की। मालदीव और भारत के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं। पिछले एक दशक में यह रिश्ते और मजबूत हुए। हालांकि पिछले साल मालदीव में सितंबर-अक्टूबर में मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने। उन्हें चीन का समर्थक माना जाता है। सत्ता में आने के बाद उन्होंने भारत विरोध कई फैसले लिए। जिसके चलते दोनों देशों के रिश्तों में तनाव भी देखने को मिला।
मुइज्जू ने किया पीएम मोदी का धन्यवाद
पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच आज हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ती हुई। नकदी की कमी से जूझ रहे मालदीव को भारत ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेजरी बिल रोल ओवर प्रदान किया। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 3,000 करोड़ रुपये के मुद्रा विनिमय का समझौता हुआ। मुइज्जू ने इस सहायता के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के अलावा 30 अरब रुपये की सहायता प्रदान करने के भारत सरकार के फैसले के लिए आभारी हूं। पीएम मोदी ने कहा कि विकास के लिए साझेदारी हमारे संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हमने हमेशा मालदीव के लोगों की प्राथमिकताओं को पहला स्थान दिया है।
शुरुआत में दिखाए तेवर
शुरुआत में तेवर दिखाने के बाद अब मुइज्जू के तेवर बदल चुके हैं। तुर्किए और चीन का चक्कर लगाने के बाद उन्हें भारत की एहमियत समझ आ चुकी है। उन्होंने ‘इंडिया आउट’ के एजेंडे पर चुनाव लड़ा था। मगर अब उनके सुर बदल चुके हैं। मालदीव के राष्ट्रपति इस बात को समझ चुके हैं कि जिस तरह भारत मालदीव की मदद करता आया है उस तरह चीन या कोई अन्य देश नहीं कर सकता। आर्थिक संकट हो या विकास के लिए सहयोग भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा नजर आया है।
शांत रहा भारत
सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत को तेवर दिखाए। उकसाने वाली बयानबाजी की गई। मगर भारत ने बिना कोई आक्रमक जवाब दिए कूटनीति के रास्ते मालदीव को अपनी एहमियत का एहसास दिलाया। इसी के चलते मुइज्जू भी अब ‘इंडिया आउट’ से ‘इंडिया फर्स्ट’ के एजेंडे पर आने लगे हैं। दिल्ली में हुई मुलाकात में उन्होंने भरोसा दिया है कि मालदीव ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा कमजोर हो।
तुर्किए का पहला दौरा
मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहला दौरा तुर्किए का किया। इनसे पहले सभी राष्ट्रपति भारत का दौरा करते थे। मुइज्जू ने भारत और मालदीव के बीच समुद्री इलाके में सर्वे को लेकर हुए समझौते को साल 2019 में खत्म कर दिया। उनके दो मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की। हालांकि दोनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते दोबारा सुधरे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के मालदीव दौरे के बाद मुइज्जू के सुर भारत विरोध नहीं रह गए हैं।
पीएम मोदी का पहला मालदीव दौरा
पीएम मोदी ने अपनी पहली मालदीव यात्रा पीएम बनने के चार साल बाद की। साल 2018 में उन्होंने मालदीव का दौरा किया जब नवंबर 2018 में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह शपथ ले रहे थे। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने द्विपक्षीय वार्ता में संबंधों को मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए। पीएम मोदी के बाद दिसंबर 2018 में राष्ट्रपति सोलिह ने भारत का दौरा किया। इस दौरे में भारत ने मालदीव के लिए 1.4 बिलियन डॉलर का वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा की।
जबरदस्त कारोबार
साल 2019 में पीएम मोदी ने मालदीव का राजकीय दौरा किया। इस दौरान कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को लेकर MoU साइन हुए। दोनों देशों के समझौते से करीब एक दशक बाद दोनों देशों का कारोबार लगभग तीन गुना बढ़ा। 2013 में भारत-मालदीव के बीच 156.30 मिलियन डॉलर का करोबार 2023 में 548.97 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव भी दोबारा शुरु किया गया।