दुनियाभर की वैक्सीन: भारत ने की सब की बुकिंग, जाने कहां से आएंगे इतने डोज
कोरोना वायरस की जरूरत को समझते हुए भारत सरकार ने अभी से देशवासियों के लिए वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए दुनिया भर से वैक्सीन के डोज खरीदने से लेकर उनके स्टोरेज और वितरण तक का प्लान तैयार हो गया है।
लखनऊ: कोरोना वायरस के संकट के बीच दुनिया के तमाम देशों को कारगर इलाज और वैक्सीन की जरूरत हैं। कई देशों में कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण जारी है। तो वहीं कई देश ऐसे भी हैं जो अन्य देशों से वैक्सीन खरीदने के लिए तैयार हैं और डोज की बुकिंग के लिए हजारों करोड़ों रुपये दे रहे हैं। इन देशों में सबसे अव्वल भारत है। भारत ने दुनियाभर से करीब 160 करोड़ वैक्सीन डोज बुक किये हैं।
भारत ने आर्डर किया दुनियाभर से 160 करोड़ वैक्सीन के डोज
कोरोना वायरस की जरूरत को समझते हुए भारत सरकार ने अभी से देशवासियों के लिए वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए दुनिया भर से वैक्सीन के डोज खरीदने से लेकर उनके स्टोरेज और वितरण तक का प्लान तैयार हो गया है।
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जानकारी मिल रही है कि कोरोना वायरस वैक्सीन की बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में नंबर वन पर है। पिछले महीने के अंत यानी 30 नवंबर तक के आंकड़ों के मुतैक, कोरोना वैक्सीन की 'कन्फर्म डोज' के बुकिंग के मामले में भारत दुनियाभर में शीर्ष स्थान पर है। आंकड़ों पर नजर डाले तो भारत अब तक वैक्सीन की 160 करोड़ कन्फर्म डोज का ऑर्डर दिया है।
इन देशों से भारत ने आर्डर की कोविड -19 वैक्सीन
ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन-
बता दें कि ये सभी वैक्सीन के डोज अलग अलग देशों से बुक किये गए हैं। इनमे से सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन के डोज ब्रिटेन की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से बुक किये गए हैं। भारत और ऑक्सफोर्ड शोध कार्य से जुड़े हुए है। ऑक्सफ़ोर्ड में तैयार हो रही ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की भारत की तरफ से 500 मिलियन डोज यानि 50 करोड़ की बुकिंग की गयी है। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन को भारत के अलावा अमेरिका ने भी ऑर्डर किया है। यूएस ने भिभारत के बराबरर डोज बुक किये हैं। इसके अलावा ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन यूरोपीय यूनियन समेत कई अन्य देशों में भी दी जाएगी।
नोवावैक्स की वैक्सीन-
भारत ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स को 1 बिलियन वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया है। यहां से यूरोपीय यूनियन ने भी 110 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा कनाडा ने 76 मिलिनय और ब्रिटेन ने 60 मिलिनय वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया है।
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रूस से गमालेया की स्पुतनिक-5 वैक्सीन-
दावा है कि सबसे पहले रूस में कोरोना वायरस की वैक्सीन डेवेलप की गयी। रूस में अगले हफ्ते से सामूहिक टीकाकरण का कार्यक्रम भी शुरू होने वाला है। भारत ने भी रुस की गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित स्पुतनिक-V वैक्सीन के 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज बुक कर रखें हैं। वैसे इस रूसी वैक्सीन का अंतिम ट्रायल भारत में ही हो रहा है। हैदराबाद की डॉ रेड्डी के साथ ट्रायल के लिए समझौता हुआ है। रूस की वैक्सीन को भारत के अलावा, अब तक किसी देश ने बुक नहीं किया है।
यहां भी तैयार हो रही वैक्सीन, भारत ने नहीं दिया इन्हे आर्डर
सनोफी-जीएसके की वैक्सीन-
फ्रांसीसी दवा कंपनी सनोफी और ब्रिटिश फार्मा कंपनी जीएसके मिलकर कोरोना की वैक्सीन डेवलेप कर रहे हैं। फिलहाल तो भारत ने अभी तक जीएसके की वैक्सीन को लेकर कोई करार नहीं किया है लेकिन अमेरिका समेत यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ब्रिटेन ने इनकी वैक्सीन की डोज का ऑर्डर दे रखा है।
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फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन-
फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को सबसे पहले अपने देश में मंजूरी देने और इनके डोज का आर्डर देने वला देश ब्रिटेन हैं, जहां इसके 40 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया गया है, हालंकि भारत ने इस वैक्सीन की बुकिंग नहीं की है। ब्रिटेन के अलावा अमेरिका ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डोज आर्डर किये हैं।
मॉडर्ना की वैक्सीन:
वैक्सीन कैंडिडेट्स मॉडर्ना से भारत ने डोज की बुकिंग नहीं की है लेकिन यूरोपीय यूनियन ने 160 मिलियन डोज और कनाडा ने 56 मिलियन का ऑर्डर दिया है।
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