पाकिस्तान के खुफिया विभाग के तीन लोगों को भारत में किया गया अरेस्ट, ये है मामला

इस वक्त की बड़ी खबर राजस्थान से आ रही है। राजस्थान पुलिस की खुफिया टीम ने सोमवार को बीकानेर और झुंझुनू में पाकिस्तानी खुफिया विभाग से जुड़े तीन लोगों अरेस्ट किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

Update: 2020-06-08 11:32 GMT

जयपुर: इस वक्त की बड़ी खबर राजस्थान से आ रही है। राजस्थान पुलिस की खुफिया टीम ने सोमवार को बीकानेर और झुंझुनू में पाकिस्तानी खुफिया विभाग से जुड़े तीन लोगों अरेस्ट किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान भारत में उथल-पुथल मचाने के लिए किस हद तक जा सकता है इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि उसने अपने दो जासूसों को जासूसी के लिए बीते दिनों हमारे देश में भेज रखा था।

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शुक्र मनाइए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का जिन्होंने समय रहते पाकिस्तानी जासूसों के बारें में पता लगा लिया और दिल्ली पुलिस की मदद से इन्हें रंगे हाथों धर लिया और उन्हें बाद में वापस पाकिस्तान भेज दिया गया।

लेकिन यहां पर एक सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान ने इस तरह की सजिश भारत के खिलाफ रची थी। इसका सीधा सा जवाब है नहीं, पाकिस्तान पहले भी इस तरह की हरकतें करता आया है।

एनआईए ने चार्जशीट में कही थी ये बात

ढाई साल पहले एनआईए ने अपनी चार्जशीट में साफ तौर पर यह बात कही थी कि पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए आतंकियों को धन व दूसरी मदद पहुंचाई जा रही है।

विभिन्न जांच एजेंसियों ने ‘पाकिस्तानी उच्चायोग-आईएसआई-आतंकी संगठन’, इन तीनों के नापाक गठजोड़ को लेकर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में जासूसी की घटना कोई नई बात नहीं है।

एनआईए अपनी चार्जशीट में ये बात भी कह चुकी है कि पाकिस्तानी उच्चायोग से आतंकियों को धन एवं दूसरी मदद पहुंचाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि उच्चायोग में बैठे आईएसआई के गुर्गे पहले अलगाववादियों और कथित सामाजिक संगठनों से संपर्क करते हैं।

आतंकियों को धन एवं दूसरी मदद पहुंचाने का यह पहला पड़ाव है। ये संगठन अपने सामाजिक कार्यों की आड़ में आईएसआई के मंसूबों को पूरा करने में मदद करते हैं।

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