IMD: ला नीना की कृपा! इस बार सामान्य से अधिक मानसून, यूपी सहित 25 राज्यों में झमाझम बारिश
Monsoon in India 2024: आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र साल 2024 में भारत में चार महीने के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।
Monsoon in India: आने वाले भारतीय मानसून को लेकर एक अच्छी खबर आई है। इस बार धान की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इस बार मानसूनी बारिश काफी अच्छी रहने वाली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि इस साल देश में औसत से अधिक मानसूनी बारिश होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ क्षेत्रों को छोड़ दें तो देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। इस साल दीर्घकालिक औसत का 106% होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने यूपी सहित 25 राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है।
1951 से अब तक 9 बार हुई अधिक बारिश
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मानसून जो आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल के दक्षिणी सिरे पर आता है। सितंबर के मध्य में वापस चला जाता है। इस बार अगस्त-सितंबर के बीच ला नीना की वजह से अच्छी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 9 मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश हुई, जब ला नीना के बाद एल नीनो घटना हुई।
87 सेंटीमीटर बारिश के आसार
उन्होंने कहा कि साल 2024 में भारत में चार महीने के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिसमें संचयी वर्षा लंबी अवधि के औसत (87 सेमी) की 106 प्रतिशत होने का अनुमान है। यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होती है। मानसून के मौसम के दौरान सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल स्थितियों की भविष्यवाणी की जाती है। साथ ही, उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण कम है। ये स्थितियां भारतीय दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए अनुकूल हैं। इससे पहले 9 मार्च को प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने सामान्य मानसून का अनुमान जारी किया था। यानी जून से सितंबर तक 4 महीने में 96 से 104% के बीच बारिश हो सकती।
इस वजह से होगी अधिक बारिश
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि इस समय मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। अनुमान है कि मानसून का मौसम शुरू होने तक यह तटस्थ हो जाएगा। इसके बाद ला लीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक स्थापित हो सकती है। 2023 में अल नीनो वर्ष में भारत में औसत से कम संचयी वर्षा 868.6 मिमी की लंबी अवधि के औसत की तुलना में 820 मिमी हुई । साल 2023 से पहले भारत में लगातार चार वर्षों तक मानसून के मौसम में "सामान्य" और "सामान्य से ऊपर" वर्षा दर्ज की गई थी। भारत में आमतौर पर मानसून 1 जून के आसपास केरल के रास्ते आता है। 4 महीने की बरसात के बाद सितंबर के अंत में राजस्थान के रास्ते इसकी वापसी होती है।
25 राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र , गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षदीप, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीवउत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, प.बंगाल, सिक्किम, और मेघालय में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
इस राज्यों में सामान्य बारिश का अनुमान
इसके अलावा मौसम विभाग ने 4 राज्यों में सामान्य बारिश का अनुमान ला गया है। इसमें छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य शामिल हैं।
यहां होगी कम बारिश
वहीं, 6 राज्यों में IMD ने इस बार सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान लगाया है। इसमें ओडिशा, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा राज्य शामिल हैं। बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत की वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत प्रदान करता है। यह कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। देश की जीडीपी में कृषि का योगदान लगभग 14 प्रतिशत है।
क्या होता है ला नीना घटना?
नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, ला नीना एक जलवायु पैटर्न है जो दक्षिण अमेरिका के पास उष्णकटिबंधीय महासागरों के ठंडे पानी द्वारा चिह्नित है। यह अल नीनो का प्रतिरूप है, जो समुद्र का तापमान गर्म करता है। एल नीनो की घटनाओं के बाद ला नीना हर 2-7 साल में अनियमित रूप से होता है। यह वैश्विक जलवायु को प्रभावित करता है। इसके अलावा वर्षा, दबाव और परिसंचरण को प्रभावित करता है।