Indian Army Day: भारतीय सेना दिवस, बहादुर सेना और पहले सैन्य प्रमुख को याद करने का दिन

Indian Army Day: देश के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम. करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन भी है जो हमें उन बहादुर योद्धाओं को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है जिन्होंने दुश्मनों के खिलाफ देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

Newstrack :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-15 07:07 IST

  भारतीय सेना दिवस: बहादुर सेना और पहले सैन्य प्रमुख को याद करने का दिन: Photo- Social Media

Indian Army Day: देश के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम. करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन भी है जो हमें उन बहादुर योद्धाओं को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है जिन्होंने दुश्मनों के खिलाफ देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

पहले सेना प्रमुख

तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश सेना प्रमुख जनरल फ्रांसिस बुचर का स्थान लिया था और 1949 में इसी दिन देश के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बावजूद 15 जनवरी 1949 तक भारत में कोई भारतीय सेना प्रमुख नहीं था। इसलिए यह दिन देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


सेना दिवस परेड

फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा को सम्मानित करने के लिए सेना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन दिन का मुख्य आकर्षण सेना दिवस परेड होता है। सेना दिवस की मुख्य परेड दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित की जाती है। लेकिन इस बार सेना दिवस मुख्य परेड लखनऊ में अयोजित की जा रही है। यह दूसरी बार है कि इस तरह का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के बाहर हो रहा है। पिछले साल परेड बंगलुरू में हुई थी। सेना दिवस परेड में सेना की टुकड़ियां भाग लेंगी।

सेना पदक और वीरता पुरस्कार

इस दिन सेना पदक और वीरता पुरस्कार भी वितरित किए जाते हैं। एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि परम वीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्ति भी हर साल आयोजित होने वाली सेना दिवस परेड में भाग लेते हैं। परेड में दिखाई जाने वाली अन्य चीजों में सैन्य हार्डवेयर, कई दल और लड़ाकू प्रदर्शन शामिल हैं।

भारतीय सेना : 5 रोचक तथ्य

- चोल राजवंश ने सर्वप्रथम नौसेना की स्थापना की थी। दक्षिण भारत का चोल राजवंश 9वीं शताब्दी ईस्वी से नौसैनिक शक्ति रखने वाला भारतीय उपमहाद्वीप के पहला साम्राज्य था।

- टीपू सुल्तान की कमान वाली मैसूर सेना ने लोहे के आवरण वाले रॉकेट विकसित किए थे, जिन्हें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सफलतापूर्वक तैनात किया गया था।

- भारत में अब तक दो फील्ड मार्शल हो चुके हैं यूं तो जनरल का पद भारत में सेना के प्रमुख को दर्शाता है, जबकि फील्ड मार्शल एक विशेष 'फाइव-स्टार' रैंक है जिसे केवल सैम मानेकशॉ और बाद में केएम करिअप्पा को प्रदान किया गया।

- कैप्टन तानिया शेरगिल 2020 के सेना दिवस समारोह में परेड एडजुटेंट बनने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

- भारत, संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के लिए एक प्रमुख सैन्य-योगदान करने वाला देश है। भारत ने 71 मिशनों में से 49 में भाग लिया है।


भारतीय सेना

भारतीय सेना दिवस का महत्व सशस्त्र बलों की निस्वार्थ सेवा को पहचानने में राष्ट्र को एकजुट करने की शक्ति में निहित है। यह संघर्ष और शांति मिशनों के विभिन्न क्षेत्रों में सैनिकों द्वारा प्रदर्शित साहस को प्रतिबिंबित करने का दिन है। भारतीय सेना द्वारा अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अक्सर कठोर और दुर्गम इलाकों में किए गए बलिदान न केवल प्रशंसा के योग्य हैं, बल्कि गहरे सम्मान के भी पात्र हैं।

भारतीय सेना दिवस के उपलक्ष्य में देश भर में विभिन्न कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं। सशस्त्र बलों के कौशल और तैयारियों को प्रदर्शित करने के लिए परेड, अभ्यास और सैन्य कौशल का प्रदर्शन आयोजित किया जाता है। शैक्षणिक संस्थान छात्रों में देशभक्ति और कृतज्ञता की भावना पैदा करने के लिए गतिविधियों के आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यह उत्सव सैन्य प्रतिष्ठानों से आगे बढ़कर देश के कोने-कोने तक पहुंचता है।

न केवल सीमाओं की रक्षा में बल्कि आपदा राहत और मानवीय प्रयासों में भी भारतीय सेना द्वारा निभाई गई बहुमुखी भूमिका को पहचानना महत्वपूर्ण है। सशस्त्र बलों ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की सहायता करने और अपने कर्तव्यों के मानवीय पक्ष को प्रदर्शित करने के लिए लगातार अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

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