कतर में पूर्व नौसेना अधिकारियों को मिली मौत की सजा...राजदूत ने की मुलाकात, विदेश मंत्रालय ने दी ये बड़ी जानकारी; जानें मामला

Ex Indian Navy Personnel Death Row: कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने 26 अक्टूबर को 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा दी। इन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है।

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-07 19:16 IST

Ex Indian Navy Personnel Death Row (सोशल मीडिया) 

Ex Indian Navy Personnel Death Row: विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय राजदूतों को कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों से मिलने के लिए कांसुलर पहुंच मिल गई है। मामले पर अपडेट साझा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मामले में भारत की अपील स्वीकार करने के बाद कतर की अदालत ने मामले में दो सुनवाई की है और भारत सभी कानूनी और कांसुलर सहायता प्रदान कर रहा है।

मामले पर रखी जा रही बारीकी नजर

अरिंदम बागची ने कहा कि 2 सुनवाई हो चुकी हैं। हमने परिवारों की ओर से एक अपील दायर की थी और बंदियों की अंतिम अपील थी। तब से 2 सुनवाई हो चुकी है। हम मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और सभी कानूनी और कांसुलर सहायता प्रदान कर रहे हैं। इस बीच 3 दिसंबर को हमारे राजदूत को जेल में बंद सभी 8 लोगों से मिलने के लिए के काउंसुलर एक्सेस मिला है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम इसका पालन करना जारी रखेंगे और जो कुछ भी हम साझा कर सकते हैं...हम करेंगे। इससे पहले कतर में भारतीय दूतावास को नवंबर में जेल में बंद भारतीयों तक परामर्शदाता की पहुंच प्राप्त हुई थी

अरिंदम बागची ने दुबई में COP-28 के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद के बीच हालिया बैठक का भी उल्लेख किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और कतर में भारतीय समुदाय की भलाई पर विस्तार से चर्चा की।

जानिए क्या पूरा मामला?

कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने 26 अक्टूबर को 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा दी। इस पर भारत ने कहा था कि यह फैसला चौकांने वाला है। मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है। नवंबर में कतरी अधिकारियों ने मामले में भारत सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया था। अब अदालत की अगली सुनवाई जल्द ही होने की उम्मीद है।

आधिकारिक तौर पर कतर और भारत दोनों ने उनकी गिरफ्तारी के कारण और बाद में मौत की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने सहित मामले के विवरण का खुलासा नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि पूर्व भारतीय नौसेना के लोगों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है।

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