तबाही से रोएगा चीन: ताकतवर सेनाओं ने शुरू की तैयारी, अब नहीं बचेगा दुश्मन

भारत और चीन के बीच बीते साल 2020 से जारी तनातनी अब खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में चीनी सेना पीपुल्स लिब्ररेशन आर्मी(PLA) के सैनिक भले ही सीमा से पीछे हट रहे हों, पर इसके बाद भी भारत चीन पर चाह कर भी भरोसा नहीं कर पा रहा है।

Update:2021-03-01 16:32 IST
आईओआर में भारतीय नौसेना ने अपने सबसे बड़े युद्धाभ्‍यास को पूरा किया है। ऐसे में इस युद्धाभ्‍यास को ट्रॉपेक्‍स (TROPEX) नाम दिया गया है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों भारत और चीन के बीच बीते साल 2020 से जारी तनातनी अब खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में चीनी सेना पीपुल्स लिब्ररेशन आर्मी(PLA) के सैनिक भले ही सीमा से पीछे हट रहे हों, पर इसके बाद भी भारत चीन पर चाह कर भी भरोसा नहीं कर पा रहा है। वहीं लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल(LAC) पर विवाद में एकदम से परिवर्तन आने के बाद समंदर पर भारतीय नौसेना चीन को लेकर सतर्क हो गई है।

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हर स्थिति के लिए हरदम तैयार

बीते दिनों हिंद महासागर क्षेत्र मतलब कि आईओआर में भारतीय नौसेना ने अपने सबसे बड़े युद्धाभ्‍यास को पूरा किया है। ऐसे में इस युद्धाभ्‍यास को ट्रॉपेक्‍स (TROPEX) नाम दिया गया है और इसे नौसेना की सबसे बड़ी युद्ध अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। ट्रॉपेक्‍स का उद्देश्य चीन की किसी भी कारस्‍तानी के लिए हरदम तैयार रहना है।

ऐसे में TROPEX(ट्रोपेक्स) यानी Theatre Level Operational Readiness Exercise, ये वह अभ्यास है जिसका आयोजन हर साल होता है। फरवरी के आखिरी हफ्ते में ट्रॉपेक्‍स-21 का सफल आयोजन हुआ है।

फोटो-सोशल मीडिया

वहीं चीन लगातार हिंद महासागर क्षेत्र में घुसपैठ करता जा रहा है। इस ड्रिल के जरिए भारत, पीपुल्स लिब्ररेशन आर्मी(PLA) भारतीय नौसेना की बढ़ती मौजूदगी का जवाब देने के लिए तैयार हो रहा है।

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वॉरगेम्‍स का आयोजन

इस अभ्यास की शुरुआत जनवरी से अप्रैल के बीच होती है और ये एक महीने से ज्‍यादा समय तक चलती है। इस बीच विशाल हिंद महासागर क्षेत्र पर अलग-अलग प्रकार के वॉरगेम्‍स का आयोजन होता है। ये एक्‍सरसाइज सेनाओं की वह रणनीति है जिसका हिमें भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना भी शामिल होते हैं।

सीमा पर इस युद्ध अभ्यास के जरिए सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ ही तटरक्षक बल अपनी युद्धक क्षमताओं को परखते हैं। नौसेना की तरफ से बताया गया कि थियेटर लेवल की इस अभ्यास का उद्देश्य नौसेना की आक्रामक-रक्षात्‍मक क्षमताओं को परखना, तटीय सीमाओं पर राष्‍ट्रीय हितों की सुरक्षा करना और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ाना है।

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