PAK-China के छूटेंगे पसीने: Indian Navy को मिली INS Karanj, बढ़ेगी समुद्री ताकत

भारतीय नौसेना की ताकत पहले से और बढ़ने जा रही है। नौसेना के जंगी बेड़े में बुधवार यानी आज स्कॉर्पियन क्लास की सबमरीन INS करंज जुड़ जाएगी।

Update: 2021-03-10 05:15 GMT
PAK-China के छूटेंगे पसीने: Indian Navy को मिली INS Karanj, बढ़ेगी समुद्री ताकत

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की ताकत पहले से और बढ़ने जा रही है। नौसेना के जंगी बेड़े में बुधवार यानी आज स्कॉर्पियन क्लास की सबमरीन INS करंज जुड़ जाएगी। इस पनडुब्बी को निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है। भारतीय नौसेना ने पहले ही INS कलवरी और INS खांदेरी नामक वर्ग की दो पनडुब्बियों को शामिल कर लिया है।

दुश्मनों के छूट जाएंगे पसीने

करंज पनडुब्बी को मुंबई स्थित नौसेना की पश्चिमी कमान के मुख्यालय में सैन्य परंपरा के तहत एक कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। INS करंज के आने से भारतीय नौसेना में परंपरागत डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन की तादाद 15 हो जाएगी। इनके अलावा भारतीय बेड़े में रूस से लीज पर ली गई न्यूक्लियर सबमरीन INS चक्र और स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन INS अरिहंत, INS अरिघात भी शामिल हैं। अब इंडियन नेवी में करंज की ताकत देखकर दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे।

ये भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा पर बड़ी खबर: देश छोड़ कर भाग रहा था आरोपी, प्लान हुआ फेल

साइलेंट कीलर

गौरतलब है कि INS करंज ऐसे समय में भारतीय नौसेना को मिलने जा रही है, जब हिंद महासागर में चीनी नौसेना और उसका जंगी बेड़ा भारतीय सेना को एक बड़ी चुनौती दे रहा है। साथ ही पाकिस्तानी नौसेना के लिए भी चीन पनडुब्बियां का एक बेड़ा तैयार कर रहा है। इस पनडुब्बी के कमांडिंग ऑफिसर के मुताबिक INS करंज को साइलेंट कीलर भी कहा जा रहा है, क्योंकि इस पनडुब्बी में दुनिया का सबसे अच्छा सोनार सिस्टम लगाया गया है, जिससे इसकी आवाज़ कोई भी नहीं सुन सकता है। बड़ी आसानी से यह पनुडुब्बी दुश्मन के घर में घुस कर उसे तबाह कर सकती है।

ये भी पढ़ें: खजाना 300 साल पुरानाः छुपा रखा था यहां, मिली सैकड़ों सोने की अशर्फियां

नौसेना के मुताबिक, स्कोर्पिन क्लास पनडुब्बियों की तरह ही मिसाइल और टॉरपीडो से लैस है और समंदर में माइन्स भी बिछाने में सक्षम है। इसके अलावा करंज को सर्विलांस और रिकोनेसेंस के लिए भी समंदर के नीचे तैनात किया जा सकता है। इतना ही नहीं, करीब 350 मीटर गहरे समंदर तक में करंज को तैनात किया जा सकता है।

Tags:    

Similar News