LAC पर इकट्ठा हुए युद्ध के लिए हथियार-गोलाबारूद, अब भारत लेगा बड़ा एक्शन

सीमा पर जारी तनातनी के बीच भारतीय सुरक्षाबलों को अब 15 दिनों के सघन युद्ध के हिसाब से हथियार और गोलाबारूद स्टोर करने को कहा गया है। साथ ही सीमा पर तैनात देश के जवानों को आदेश मिला है कि वह 15 दिनों के बड़े युद्ध के हिसाब से अपनी तैयारी को पूरा करते हुए सभी जरूरी हथियार और सामान इकठ्ठा कर लें।

Update:2020-12-13 16:19 IST
भारत ने तैयारियां के तहत बड़ा कदम उठाया है। सुरक्षाबलों को अब 15 दिन की जबरदस्त लड़ाई के लिए हथियारों-गोला-बारूद का स्टॉक तैयार करने का अधिकार दे दिया है।

नई दिल्ली। सीमा पर चीन-पाकिस्तान के साथ बीते कई महीनों से जारी तनाव को देखते हुए भारत अब पूरी तरह से एकदम फिट हो गया है। तनातनी के बीच भारतीय सुरक्षाबलों को अब 15 दिनों के सघन युद्ध के हिसाब से हथियार और गोलाबारूद स्टोर करने को कहा गया है। साथ ही सीमा पर तैनात देश के जवानों को आदेश मिला है कि वह 15 दिनों के बड़े युद्ध के हिसाब से अपनी तैयारी को पूरा करते हुए सभी जरूरी हथियार और सामान इकठ्ठा कर लें।

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हथियारों और गोला-बारूद का स्टॉक तैयार

तनातनी के दौरान भारत ने तैयारियां के तहत बड़ा कदम उठाया है। भारतीय सुरक्षाबलों को अब 15 दिन की जबरदस्त लड़ाई के लिए हथियारों और गोला-बारूद का स्टॉक तैयार करने का अधिकार दे दिया है। ऐसे में अब तक सेना को 10 दिन के युद्ध के लिए जरूरी स्टॉक जमा करने की छूट दी है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस काम में कुल 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सूत्रों से सामने आई जानकारी में एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि गोला-बारूद स्टोर करने का आदेश कुछ समय पहले का है। प्राधिकरण अब 15 दिनों के बड़े युद्ध के हिसाब से अपनी तैयारी करने वाला है, जबकि यह समय सीमा 10 दिन की रखी गई थी।

फोटो-सोशल मीडिया

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आर्थिक पैकेज 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़

जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि काफी पहले प्राधिकरण ने 40 दिनों के युद्ध के हिसाब से तैयारी रखने को कहा था लेकिन बाद उसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। क्योंकि उरी अटैक के बाद ये महसूस किया गया था कि 10 दिन के युद्ध की तैयारी काफी कम है, इसलिए तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेना का आर्थिक पैकेज 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दिया था।

वहीं इसके अलावा तीनों सेना को 300 करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया गया था। जिससे कि युद्ध से संबंधित जरूरी हथियार खरीदे जा सकें। डिफेंस फोर्स ने कई सारे हथियार, गोला-बारूद, मिसाइल सिस्टम और अन्य जरूरी उपकरण लिए हैं, जिससे विरोधियों का सामना करने में आसानी होगी।

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