Indira Gandhi: इंदिरा गाँधी की जयंती पर मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
Indira Gandhi: देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की आज यानी 19 नवंबर को जयंती है।
Indira Gandhi: आज देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की जयंती के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शक्ति स्थल पर श्रंद्धाजलि अर्पित की है। आज यानी 19 नवंबर को इंदिरा गाँधी का जन्म हुआ था। इंदिरा गाँधी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एकलौती बेटी थी। जो बाद में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी। प्रधानमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में इन्होने कई बड़े फैसले सुनाए थे जिन्हे आज भी लोग याद करते हैं। इनके जीवन से जुड़े ऐसे बहुत से किस्से है जिन्हे लोग समय-समय पर पढ़ते रहते हैं।
इंदिरा गाँधी की शिक्षा
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इनकी शिक्षा की बात करें तो इन्होंने बेक्स, इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पुपिल्स ओन स्कूल, पूना और बॉम्बे, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांतिनिकेतन और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड जैसे बड़े संस्थानों में की है। दुनिया के कई बड़े विश्वविद्यालयों से इन्होने डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की है। शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय से इन्हे विशिष्टता का प्रशस्ति पत्र भी मिला है।
विवाह और राजनीतिक करियर
इंदिरा का विवाद 26 मार्च 1942 को फिरोज गाँधी के साथ हुआ था। जिनसे हुए दो बच्चे हुए थे। जिनका नाम राजीव गाँधी और संजय गाँधी थे। इनके राजनीतिक करियर की बात करें तो 1955 में चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की कार्यसमिति की सदस्य बनी। वहीं साल 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 1960 तक तथा जनवरी 1978 से फिर से ये पार्टी की अध्यक्ष चुनी गई। बाद में ये जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक भारत की प्रधानमंत्री पद के लिए चुनी गई। बता दें कि इंदिरा गाँधी सितंबर 1967 से मार्च 1977 तक वे परमाणु ऊर्जा मंत्री रहीं। 5 सितंबर 1967 से 14 फरवरी 1969 तक वे विदेश मंत्रालय की अतिरिक्त प्रभारी रहीं। जून 1970 से नवंबर 1973 तक गांधी गृह मंत्रालय की प्रमुख रहीं और जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मंत्री रहीं। जनवरी 1980 से वे योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं। 14 जनवरी 1980 से वे फिर से प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता करने लगीं।