आईनेएक्स मीडिया केस: CEO समेत 6 को मिली जमानत, जानिए पूरा मामला

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर समेत अन्य पांच आरोपी पूर्व नौकरशाहों को नियमित जमानत दे दी। आईनेक्स (NX) मीडिया केस में दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी छह नौकरशाहों को 2-2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दे दी है।

Update: 2020-02-19 15:48 GMT

नई दिल्ली दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर समेत अन्य पांच आरोपी पूर्व नौकरशाहों को नियमित जमानत दे दी। आईनेक्स (INX) मीडिया केस में दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी छह नौकरशाहों को 2-2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दे दी है।

 

देश नहीं छोड़ सकते

इन नौकरशाहों पर सीबीआई द्वारा आरोप लगाए गए थे और फिलहाल ये अंतरिम जमानत पर बाहर थे। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सभी को जमानत देते वक्त निर्देश दिया है कि वो बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ सकते हैं। यह मामला सीबीआई ने दर्ज किया है। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने वित्त मंत्री के पूर्व विशेष दायित्व अधिकारी (ओएसडी) प्रदीप कुमार बग्गा और एफआईपीबी के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना को भी जमानत दे दी।

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बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। सीबीआई ने 15 मई 2017 को आईएनएक्स मीडिया समूह को दी गई विदेश निवेश प्रोमोशन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था। मामले के अनुसार, चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए मिली इस मंजूरी के माध्यम से आईएनएक्स मीडिया समूह ने विदेश से 305 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे।

 

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में बुधवार को कोर्ट ने नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर, वित्त मंत्री के पूर्व ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा, एफआईपीबी के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना, वित्त मंत्रालय में एफआईपीबी इकाई के पूर्व सेक्शन ऑफिसर अजित कुमार डुंगडुंग, एफआईपीबी इकाई में तत्कालीन अवर सचिव रबिंद्र प्रसाद और पूर्व संयुक्त सचिव (विदेशी व्यापार) डीईए अनूप के. पुजारी को नियमित जमानत दी है। इससे पहले ये सभी आरोपी दिसंबर 2019 से अंतरिम जमानत पर थे।

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क्या है आईएनएक्स मीडिया केस

चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया केस में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से गैरकानूनी तौर पर मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। ये मामला 2007 का है, जब पी. चिदंबरम यूपीए-1 सरकार में वित्त मंत्री थे। पूर्व वित्त मंत्री के अलावा सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है जो फिलहाल जमानत पर हैं।

कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया को 2007 में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए का मामला दर्ज किया। ईडी ने 2007 में विदेश से 305 करोड़ की राशि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित तौर पर अनियमितता का आरोप लगाया है। ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया केस मीडिया के पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो।

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