Israel-Hamas War: संजय राउत के यहूदी नरसंहार को उचित ठहराने वाली टिप्पणी पर नाराज हुआ इजरायल, लोकसभा स्पीकर को भेजा पत्र
Israel-Hamas War: शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कुछ हिटलर और यहूदियों के नरसंहार पर कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर हंगामा खड़ा हो गया है।
Israel-Hamas War: इजरायल – हमास युद्ध के कारण गाजा पट्टी में उत्पन्न हुए मानवीय संकट को लेकर दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इजरायल पर जंग को रोकने का जबरदस्त दवाब है लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास के खात्मे तक लड़ाई जारी रखने की अपनी बात पर अड़े हैं। गाजा में मिलिट्री कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाओं के हताहत होने के कारण इजरायल की तीखी आलोचना हो रही है।
भारत में भी विपक्ष इस मुद्दे पर फिलिस्तीन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इन सबके बीच शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कुछ हिटलर और यहूदियों के नरसंहार पर कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर हंगामा खड़ा हो गया है। खासकर इजरायली सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
क्या कहा था राउत ने ?
दरअसल, गाजा के अल – शिफा अस्पताल में इजरायली सेना की कार्रवाई की निंदा करते हुए पिछले दिनं संजय राउत ने एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, हिटलर यहूदी समुदाय से इतनी नफरत क्यों करता था, ये अब समझ में आ रहा है। राउत ने यह ट्वीट उस ट्वीट को टैग करते हुए लिखा था, जिसमें जंग के कारण अल – शिफा अस्पताल में नवजात बच्चों की दयनीय हालत के बारे में बताया गया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपने इस ट्वीट को हटा लिया।
इजरायल ने दर्ज कराई आपत्ति
हमास के साथ जंग छिड़ने के बाद से भारत भी उन देशों में शामिल है, जिसने अपना पुराना स्टैंड पीछे छोड़ते हुए इजरायल का मजबूती से समर्थन किया है। मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल आलोचना भी कर रहे हैं। भारत के एक विपक्षी सांसद की ओर से यहूदी नरसंहार को सही ठहराने की कोशिश पर इजरायल ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास ने विदेश मंत्रालय को कड़े शब्दों में एक वर्बल नोट भेजा है। इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी एक पत्र दूतावास की तरफ से भेजा गया है।
नेतन्याहू के खिलाफ कांग्रेस सांसद ने की थी विवादित टिप्पणी
गाजा पट्टी में जारी संघर्ष के कारण इजरायल पीएम बेंजामिन नेतन्याहू दुनियाभर में फिलिस्तीन समर्थकों के निशाने पर हैं। भारत में भी विपक्षी सांसदों और मुस्लिम संगठनों की ओर से उनकी खूब आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी हो रहा है। पिछले दिनों केरल के कासरगोड में आयोजित फिलिस्तीन एकजुटता रैली स्थानीय कांग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या कर देने की मांग कर डाली था। उन्होंने कहा था, नेतन्याहू को बिना मुकदमा चलाए गोली मारकर हत्या कर देनी चाहिए।
बता दें कि सात अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला बोल कर संघर्ष का आगाज किया था। दोनों के बीच जारी संघर्ष का आज 50वां दिन है। इस जंग में अब तक जहां करीब 1200 इजरायली मारे गए हैं। वहीं गाजा में रह रहे 11 हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है।