Israel-Hamas War News: आतंकी संगठन हमास और इजराइल के संघर्ष पर भारत के विरोधी दलों की विकृत राजनीति

Israel-Hamas War News in Hindi: फिलिस्तीन और इजरायल के मध्य वार्ता के माध्यम से समस्या के स्थायी शांतिपूर्ण समाधान की पक्षधरता की। संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए भारत के प्रतिनिधि ने इस बात को स्पष्टता से रखा।

Written By :  Mrityunjay Dixit
Update:2023-10-31 18:59 IST

Israel-Hamas War News in Hindi Updates (Photo - Social Media) 

Israel-Hamas War News in Hindi: आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर भीषण आतंकवादी हमला किया। जिसमें लगभग 1400 इजरायली नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। लगभग 200 लोगों को आतंकी बंधक बनाकर ले गए। आतंकवादियों ने इस हमले में क्रूरता की सारी सीमाएं लांघ दीं। बच्चों के सामने माता पिता को मार देने। फिर बच्चों को जलाकर कोयले में बदल देने जैसी जघन्य हरकतें कीं। इतने बड़े आतंकी हमले और अपने नागरिकों की इस दुर्दशा को देखकर इजराइल का शोक और क्रोध में डूबना स्वाभाविक था।  इजराइल ने हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने की घोषणा की और हमास के विरुद्ध उठ खड़ा हुआ। अब तक इजराइल हमास संघर्ष लगभग 24 दिन पूर्ण  कर चुका है। हमास के चालाक आतंकी आम नागरिकों के पीछे छुपकर, उनको अपनी ढाल बना रहे हैं। हमास समर्थक संगठन और देश उन आम नागरिकों के नाम पर आतंकवादियों की तरफ से विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं। 

इस प्रकरण में भारत ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता (जीरो टॉलरेंस) की नीति का पालन करते हुए इजराइल को समर्थन देने की घोषणा की। फिलिस्तीन और इजरायल के मध्य वार्ता के माध्यम से समस्या के स्थायी शांतिपूर्ण समाधान की पक्षधरता की। संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए भारत के प्रतिनिधि ने इस बात को स्पष्टता से रखा। प्रस्ताव में आतंकी हमले की निंदा न होने के कारण स्वयं को मतदान से अलग रखा। भारत के इस संतुलित व्यवहार की सभी जगह प्रशंसा हो रही है।


स्वाभाविक रूप से इतनी बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटना का प्रभाव भारत की आतंरिक राजनीति में भी दिखाई पड़ रहा है। विरोधी दलों का आई.एन.डी.आई. गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा को हराने के लिए इसका राजनैतिक लाभ  उठाने के प्रयास में है। बीती 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजराइल पर  5 हजार मिसाइल और रॉकेट एक साथ दाग कर भीषण हमला बोला। इजरायल की महिलाओं, बच्चों  सहित अन्य नागरिक पर बर्बर अत्याचार किये। तब भारत के किसी  भी विरोधी दल के नेता ने इस आतंकी घटना की निंदा  तक नहीं की। किंतु जैसे ही इजरायल की सेना ने हमास के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अपना अभियान प्रारम्भ किया वैसे ही  ये सोते से जाग गए।


फिलिस्तीन के नाम पर अपने मुस्लिम वोट बैंक को साधने का प्रयास करने लगे ।  

यह सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि हमास व हिजबुल्ला जैसे संगठन बहुत ही खतरनाक और क्रूर आतंकवादी संगठन हैं। लेकिन भारत में क्योंकि अगले कुछ माह में पांच राज्यों और उसके बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल मुसलमानों के वोट पाने के लिए हमास जैसे आतंकवादी संगठन का साथ देते दिख रहे हैं। वोट बैंक को रिझाने के लिए ये कितना नीचे जा सकते हैं, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इजराइल पर हमला करने के बाद हमास के जिन आतंकवादियों ने एक महिला के नग्न शव की परेड निकाली, भारत में मुस्लिम वोट बैंक को प्रसन्न करने में जुटी “लड़की हूं लड़ सकती हूं ” का नारा देने वाली कांग्रेस की एक नेता फिलिस्तीन के पीछे छुपकर उसी  हमास के समर्थन में खड़ी दिखाई दे रही हैं। इस कुकृत्य की निंदा करने के बजाय इजराइल द्वारा आत्मरक्षा के लिए गाजा पर की जा रही बमबारी की निंदा कर रही हैं। 


कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर कुछ अन्य विरोधी दलों के नेताओं के साथ  फिलीस्तीनी के दूतावास तक पहुंच गये। बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाने वाली सोनिया गांधी संयुक्तराष्ट्र में भारत के रुख का विरोध करते हुए लेख लिख रही हैं। बीच के कुछ वर्षों को छोड़ दें तो 2013 तक भारत में कांग्रेस या उसके सहयोग वाली  सरकारें ही रहीं। किंतु इन सरकारों ने एक बार भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर एक शब्द  भी नहीं कहा। और तो और भारत में भी कश्मीरी हिन्दुओं का पलायन, 1984 में सिखों का नर संहार जैसी घटनाएँ हुईं।आज ये वोट बैंक के लिए फिलिस्तीन के नाम पर हमास का साथ दे रहे हैं। मोहब्बत की दुकान के व्यापारी खुंखार हमास के साथ खड़े होकर आतंक बेच  रहे हैं। 


इन दलों की वर्तमान कार्यप्रणाली ने साफ कर दिया है कि 2013 के पूर्व जम्मू कश्मीर का आतंकवाद और  अलगाववाद, मुंबई जैसी बड़ी आतंकी घटनाओं सहित देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले बम धमाकों को  कांग्रेस व इन मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले दलों का संरक्षण प्राप्त था। इन्हीं दलों की सरकारों की नीतियों के कारण दाऊद इब्राहीम जैसा आतंकवादी पाकिस्तान के संरक्षण में पल रहा है। आई.एन.डी.आई. गठबंधन में शामिल समाजवादी समाजवादी पार्टी का बस चलता तो उत्तर प्रदेश में हुए आतंकवादी हमलों में शामिल सभी  आतंकियों  को मुसलमान होने के नाम पर छुड़वा देती  किंतु यह न्यायपालिका के कारण समाजवादियों का यह प्रयास विफल हो गया। आज समाजवादी पार्टी खुलकर  हमास जैसे आतंकवादी संगठन का समर्थन कर रही हैं ।  

इजराइल के पलटवार के बाद से हर जुमे की नमाज़ के बाद फिलीस्तीन व हमास के समर्थन की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं । इन प्रदर्शनों में  एआईएआईएम नेता ओवैसी तथा कांग्रेस सहित  सभी विपक्षी दल भारत के सामाजिक वातावरण को अशांत करने का या फिर देश को दंगों की आग में झोंकने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। सबसे घृणित व विकृत बात यह है कि विपक्षी दलों के प्रवक्ता दो हाथ आगे जाकर हमास को एक क्रांतिकारी संगठन बता रहे हैं। टीवी चैनलों पर बहस के दौरान हमास को मानवाधिकार संगठन तक बताया जा रहा है।कुछ लोग यह भी कह रहे है कि फिलिस्तीन, गाजा और हमास के प्रति हमारी श्रद्धा है। 

मानसिक संतुलन खो चुके एक पार्टी के प्रवक्ता ने हमास के समर्थन में कहा कि वह बिल्कुल वैसा ही क्रांतिकारी कार्य कर रहा है जैसा भारत के लोगों ने अंग्रेजों के विरुद्ध किया था और अंग्रेजों को मार भगाया था। अब हमास भी वही कर रहा है और वह दिन दूर नहीं जब हमास फिलीस्तीन को आजाद करा लेगा और इजराइल को नेस्तनाबूद कर देगा। इन दलों के प्रवक्ताओं को यह नहीं पता कि भारत के क्रांतिकारियों  ने कभी किसी महिला के साथ बलात्कार नहीं किया, नहीं उनके शव को वस्त्रहीन करके घुमाया, नहीं उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को निकाल कर मार डाला,  जबकि हमास के आतंकवादी यह सब कुछ बहुत ही भयावह ढंग से कर रहे हैं। 


आज विपक्षी गठबंधन द्वारा हवा दिए जाने का ही परिणाम है कि हमास के एक आतंकवादी ने केरल में एक रैली को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। केरल में एर्नाकुलम जिले में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन में हुए धमाकों में  तीन लोगों की दुखद मौत हो गई और 51 लोग घायल हो गये। वहीं बिहार के पूर्णिया जिले में भी एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट लिखे जाने के बाद हिंसा भड़क उठी किंतु उसके बाद भी बिहार की नीतिश कुमार सरकार अल्पसंख्यक तुष्टिकरण पर उतारू है । बिहार सरकार ने हिंसक घटनाओं के बाद एकतरफा कार्यवाही की जिसके बाद स्थानीय जनमानस क्रुद्ध है।झारखण्ड और हरियाणा से भी धमाकों की ख़बरें आईं।

मुस्लिम वोट बैंक के तुष्टीकरण में अंधे विपक्षी गठबंधन को समझना पड़ेगा कि इजराइल सदा  भारत के साथ मजबूती से खड़ रहा है। संयुक्तराष्ट्र महासभा में जब भारत को आवश्यकता पड़ी इजराइल ने भारत का साथ दिया। अटल जी की सरकार के समय  परमाणु परीक्षण होने पर विश्व के अनेक देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिये थे तब भी इजराइल भारत के साथ खड़ा रहा। ऐसे मित्र देश पर आतंकी हमला हो और भारत उसके साथ न खड़ा हो  तो यह आत्मघाती होगा। इजराइल सरकार ने भारत पर हुए सभी आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है और जम्मू कश्मीर पर हमेशा भारत का साथ दिया और यही कारण है कि आज भारत इजराइल के साथ खड़ा है। यह सरल सी बात आई.एन.डी.आई. गठबंधन  को छोड़कर देश का हर नागरिक जानता है।

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल -हमास संघर्ष विराम प्रस्ताव से दूरी बनाकर भारत ने एक सराहनीय कदम उठाया है क्योंकि यह प्रस्ताव एकतरफा था और इसमें हमास की निंदा नहीं की गई थी, भारत का विपक्ष इस बात पर भी राजनीति कर रहा है। इजरायल -हमास संघर्ष में भारत की रणनीति एकदम स्पष्ट है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक मंचों  से कई बार आतंकवाद के खिलाफ अपना मत स्पष्ट कर चुके हैं और भारत सरकार ने फिलिस्तीन पर  भी अपनी नीति बता दी है किंतु फिर भी एक सुनियोजित साजिश के तहत भ्रम फैलाया जा रहा है । 

केरल में हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मशाल ने फिलीस्तीन समर्थक रैली को संबोधित किया था और उसने हिन्दुत्व और यहूदीवाद को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था। यह वामपंथी सरकार के संरक्षण से  ही संभव हो पाया है। सोनिया परिवार सहित हमास के समर्थन में हैं । समाजवादी तथा अन्य फिलिस्तीन के नाम पर आतंक को समर्थन दे रहे हैं ।  ये हिन्दुओं के चेतने का समय है।

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