ISRO Satellite Launch: इसरो के नाम दर्ज हुई एक और कामयाबी, 36 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक किया लॉन्च

ISRO Satellite Launch: सैटेलाइन को लॉन्च करने के लिए इसरो के सबसे भारी रॉकेट LVM3 (GSLV-MK III) का इस्तेमाल किया गया। इसरो ने कामयाबी हासिल की है। भारत ने एक इतिहास बनाया है।

Update:2023-03-26 10:45 IST
Photo: Social Media

ISRO Satellite Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के नाम एक और बड़ी कामयाबी दर्ज हो गई है। इसरो ने आज यानी रविवार 26 मार्च को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 36 सैटेलाइट लॉन्च किए। सैटेलाइन को लॉन्च करने के लिए इसरो के सबसे भारी रॉकेट LVM3 (GSLV-MK III) का इस्तेमाल किया गया। जिसकी लंबाई 43.5 मीटर है। इस मिशन का नाम LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, भेजे गए सभी सैटेलाइट का कुल वजन पांच हजाज आठ सौ पांच किलोग्राम है।
रॉकेट को सुबह 9 बजे प्रक्षेपित किया गया। रॉकेट लॉन्चिंग को देखने के लिए श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट पर काफी लोग आए थे। रॉकेट की सफल लॉन्चिंग के बाद लोगों ने जमकर ताली बजाई और वैज्ञानिकों के काम की सराहना की। इसरो के LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-2 मिशन समेत लगातार पांच सफल मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं। यह इसकी छठी सफल उड़ान है।

इस प्रोजेक्ट में इन 6 देशों की है हिस्सेदारी

ब्रिटिश कंपनी वनवेब ग्रुप ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 72 सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए इसरो की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ एक करार किया है। इसी करार के तहत ये 36 सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट में ब्रिटिश सरकार के अलावा भारत की भारती इंटरप्राइजेज, जापान का सॉफ्टबैंक, साउथ कोरिया की डिफेंस कंपनी हनव्हा, अमेरिका के ह्यूज्स नेटवर्क्स और फ्रांस की यूटेलसैट है।
वनवेब एक सैटेलाइट आधारित सेवा मुहैया कराने वाली संचार कंपनी है, जिसके मुख्यालय लंदन में स्थित है। कंपनी इससे पहले भी इसरो के साथ मिलकर सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है। पिछले साल 23 अक्टूबर 2022 को वनवेब ग्रुप के लिए इसरो ने 36 सैटेलाइट प्रक्षेपित किए थे। इसके एवज में इसरो को 1 हजार करोड़ रूपये बतौर फीस अदा की गई।

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