Vice President Election 2022: जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
Vice Presidential candidate 2022: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। राजधानी दिल्ली (Delhi) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संसदीय बोर्ड की बैठक (BJP Parliamentary Board Meeting) समाप्त होने के बाद दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने एनडीए के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान किया।
उपराष्ट्रपति के नाम के चयन को लेकर हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah), नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष (BL Santosh) तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा करते हुए नड्डा ने कहा कि,''धनखड़ एक "किसान पुत्र" हैं जिन्होंने खुद को "लोगों के राज्यपाल" के रूप में स्थापित किया।''
बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है और चुनाव 6 अगस्त को होना है। 2017 में, भाजपा ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एम वेंकैया नायडू को अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया था। नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
कौन हैं जगदीप धनखड़?
जगदीप धनखड़ राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा रहे हैं। जगदीप धनखड़ इस वक़्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। धनखड़ राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। धनखड़ को राजनीति का मंजा खिलाड़ी माना जाता है। राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जगदीप धनखड़ को ऐसे समय पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था जब तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में तनाव चरम पर था। धनखड़ को पश्चिम बंगाल जैसे अहम राज्य का गवर्नर बनाया गया था। इनकी यही खूबियां उन्हें औरों से अलग करती है।
सियासी दांव-पेंच के खिलाड़ी हैं धनखड़
जगदीप धनखड़ को कानून का बड़ा जानकार माना जाता है। साथ ही, उन्हें सियासत और सियासी दांव-पेंच का भी माहिर खिलाड़ी माना जाता है। माना जाता है कि, धनखड़ की पहुंच हर में हैं। उन्हें संबंधों को बनाने और निभाने में महारत हासिल है। जगदीप धनखड़ राजस्थान की जाट बिरादरी से आते हैं। राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलवाने में उनकी अहम भूमिका रही है। जाट समुदाय पर धनखड़ की खासी पकड़ मानी जाती है। शायद इन्हीं समीकरणों को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर अंतिम फैसला लिया गया।
ऐसा रहा धनखड़ का राजनीतिक करियर
जगदीप धनखड़ केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। राजस्थान के झुंझुनूं से वो वर्ष 1989 से 1991 तक जनता दल से सांसद रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। तब राजस्थान के ही अजमेर से कांग्रेस की टिकट पर वो लोकसभा चुनाव लड़े थे, मगर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उसके बाद जगदीप धनखड़ साल 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए। अजमेर के किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए। धनखड़ सिर्फ राजनेता ही नहीं हैं वो जाने-माने हुए वकील भी हैं। वो सुप्रीम कोर्ट के सीनियर लॉयर (वरिष्ठ अधिवक्ता) रह चुके हैं।