सचिन पर एक्शन के बाद गहलोत को देनी होगी अग्निपरीक्षा, भाजपा ने शुरू कर दी घेरेबंदी
भाजपा ने इसके लिए गहलोत की घेरेबंदी शुरू कर दी है और कहा है कि मुख्यमंत्री को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में अपना बहुमत साबित करना चाहिए।
अंशुमान तिवारी
जयपुर: राजस्थान में सियासी उथल-पुथल के बीच भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घेरेबंदी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री आवास व होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित कर बहुमत का दावा करने वाले गहलोत को अगले कुछ दिनों में विधानसभा में शक्ति परीक्षण की अग्निपरीक्षा देनी पड़ सकती है। भाजपा ने इसके लिए गहलोत की घेरेबंदी शुरू कर दी है और कहा है कि मुख्यमंत्री को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में अपना बहुमत साबित करना चाहिए।
विधानसभा में बहुमत साबित करें गहलोत
राजस्थान में सचिन पायलट पर कार्रवाई करने के बाद भाजपा की सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा कांग्रेस में मची उथल-पुथल पर निगाह रखे हुए हैं और पार्टी ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए सीएम गहलोत की घेरेबंदी शुरू कर दी है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह विधायकों की आवास पर निगरानी करवा रही है। इसके लिए उन्होंने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के एक विधायक के वीडियो का हवाला दिया है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत का एक वीडियो मंगलवार को खूब वायरल हुआ है जिसमें वे आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाने से रोक रही है।\
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जानकार सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 जुलाई को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने में जुटे हैं और इस बीच कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में फेरबदल करने से पहले विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जबर्दस्त राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है और उसका परिणाम सबके सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि हम पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और अपने नेताओं के साथ बैठकर भावी रणनीति तय करेंगे।
सदन में बहुमत खो चुकी है गहलोत सरकार- बीजेपी
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार सदन में बहुमत खो चुकी है। उन्होंने भी आरोप लगाया कि पुलिस के जरिए विधायकों के आवास पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को धमकी देने का आरोप भी लगाया। इस बाबत जारी वीडियो को सचिन पायलट और उनसे जुड़े लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में जमकर शेयर किया गया। इस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी उस वाहन की चाबी निकाल रहा है जिसमें बीटीपी के विधायक और रोत बैठे हुए हैं। अभी तक इस वीडियो के बारे में रोत का स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।
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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है और अब उसके जाने का समय आ गया है। भाजपा नेता ने कहा कि सरकार जनता से किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है। भाजपा नेता ने कहा कि हम राजस्थान में तेजी से बदल रहे सियासी समीकरणों पर नजर बनाए हुए हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दिशा निर्देश के हिसाब से पार्टी रणनीति तय करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस समय जयपुर में मौजूद नहीं है। उनके जल्द ही जयपुर पहुंचने की संभावना है। उनसे भी पार्टी की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
सचिन पायलट के अगले कदम का इंतजार
इस बीच भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आज हुई एक बैठक में सचिन पायलट पर कार्रवाई के बाद पैदा हुई स्थितियों पर विचार किया गया। बैठक में नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी मौजूद थे। रालोपा राजस्थान की सियासत में भाजपा की सहयोगी पार्टी है और उसके तीन विधायक हैं। हालांकि अभी यह नहीं पता चल सका है कि भाजपा की इस बैठक में क्या रणनीति तय की गई, लेकिन पार्टी की ओर से गहलोत सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा अभी वेट एंड वाच की स्थिति में है। पार्टी की ओर से सचिन पायलट के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है।
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कांग्रेस की ओर से बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद अभी तक सचिन पायलट ने अपना मुंह नहीं खोला है। जानकार सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट बुधवार को इस बाबत अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं। भाजपा की ओर से अभी सचिन पायलट की ताकत को भी चला जा रहा है। सचिन पायलट खेमे की ओर से 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है। मगर जमीनी स्तर पर अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है। भाजपा कोई भी फैसला लेने से पहले सचिन पायलट की सियासी ताकत का मूल्यांकन भी कर रही है। सचिन पायलट के अगले कदम के बाद भाजपा की ओर से अपने पत्ते खोले जाने की संभावना है।