Jaipur Mumbai Train Firing: कांस्टेबल की दिमागी हालत की क्या है सच्चाई ? रेलवे ने क्यों लिया अपना बयान वापस

Jaipur Mumbai Train Firing Update: जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीबारी घटना के आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल की अंतिम नियमित चिकित्सा जांच में कोई मानसिक बीमारी नहीं पाई गई थी। लेकिन इस बयान को जारी करने के कुछ ही घंटों बाद रेलवे ने अपना बयान वापस ले लिया।

Update:2023-08-03 08:48 IST
Jaipur Mumbai Train Firing (photo: social media )

Jaipur Mumbai Train Firing Update: जयपुर मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन में गोली मार कर चार लोगों की हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह की दिमागी हालत की सच्चाई आखिर है क्या? भारतीय रेलवे ने 2 अगस्त को एक बयान में कहा कि जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीबारी घटना के आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल की अंतिम नियमित चिकित्सा जांच में कोई मानसिक बीमारी नहीं पाई गई थी। लेकिन इस बयान को जारी करने के कुछ ही घंटों बाद रेलवे ने अपना बयान वापस ले लिया।

क्या है मामला

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह (33) पर 31 जुलाई की तड़के 5 बज कर 23 मिनट पर मुंबई के बाहरी इलाके में पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की अपनी सर्विस स्वचालित हथियार (मॉडिफाइड एके 47) से गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। ट्रेन से उतर कर भागते वक्त उसे पकड़ लिया गया था।

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि कांस्टेबल "असामान्य मतिभ्रम" से पीड़ित था और उसे गंभीर एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित होने का पता चला था। इसके बाद रेल मंत्रालय ने 2 अगस्त को दिन में जारी एक बयान में कहा कि मामले की जांच सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी), बोरीवली द्वारा की जा रही है। रेलवे द्वारा कहा गया कि रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबलों की आवधिक चिकित्सा परीक्षा (पीएमई) की व्यवस्था है और पिछले पीएमई में कांस्टेबल चेतन सिंह में ऐसी कोई बीमारी या स्थिति का पता नहीं चला था। लेकिन हैरानी की बात है कि शाम को यह बयान वापस ले लिया गया। रेलवे के एक प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा - प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली गई है। ऐसा क्यों किया गया यह बताया नहीं गया है।

इस बीच रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए उपाय सुझाने के लिए छह सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति आरपीएफ कर्मियों को हथियार जारी करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियों की जांच करेगी। यह भी जांचा जायेगा कि किस प्रकार का हथियार जारी किया जाना चाहिए। अभी तक क्या किसी कर्मचारी की मानसिक स्थिति का पता लगाने का कोई सिस्टम है कि नहीं, ये पता नहीं है।

बन्दूक की नोक पर

जाँच कर रही जीआरपी के अनुसार आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह चलती ट्रेन में बन्दूक की नोक पर एक यात्री को दो कोच दूर पैंट्री कार तक चलने के लिए मजबूर किया था। बताया जाता है कि चेतन सिंह ने ट्रेन के बी 2 कोच में यात्रा कर रहे एक यात्री सैयद एस. को बंदूक की नोक पर पैंट्री कार तक चलने के लिए मजबूर किया, जहां उसे गोली मार दी गयी। सैयद और चेतन सिंह पैंट्री कार तक पहुंचने से पहले बी 2 और बी 1 कोच को पार कर गए, दोनों डिब्बों के यात्रियों ने उन्हें जाते हुए देखा।

पुलिस के अनुसार, ट्रेन के वैतरणा स्टेशन पार करने के कुछ मिनट बाद सिंह ने सबसे पहले एएसआई मीणा को गोली मार दी। इसके बाद उसने उसी डिब्बे में 60 वर्षीय अब्दुल कादरभाई नामक यात्री की हत्या कर दी। फिर उसने चार डिब्बों को पार किया और बाद में दो और यात्रियों को मार डाला।

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