आतंक फैलाने के लिए आतंकी संगठन ने बदला नाम, जल्द ही हमले की फिराक में
अंतर्राष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जैम) ने अपना नाम बदल लिया है। पाकिस्तान पर आतंक को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जैम) ने अपना नाम बदल लिया है। पाकिस्तान पर आतंक को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। जैश-ए-मोहम्मद के संगठन ने अपना नाम इसलिए बदल लिया ताकि वह अपनी गतिविधियों को चालू रख सके और दुनिया की नजरों से भी बच सके।
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आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जैम) का है जिसने अंतर्राष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए अपना नाम बदलकर मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर रख लिया है।
इस आतंकवादी संगठन की कमान मसूद अजहर के छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के पास है। इसके साथ ही आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है। जो पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज़ उस्मान-ओ-अली में बीमार है।
आपको बता दें कि भारत में काउंटर टेरर एजेंसियों ने इस बात की जानकारी दी है। यह भी बताया जा रहा है कि जैश एक नए नाम के साथ फिर से उभरा है। लेकिन आतंकवादी कैडर वही है। इसे पहले खुद्म-उल-इस्लाम और अल रहमत ट्रस्ट के रूप में जाना जाता था।
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जैश के नए नाम मजलिस वूरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर (जम्मू और कश्मीर के शहीदों के वंशजों का जमावड़ा है) का झंडा भी वही है। इसमें केवल एक शब्द का बदलाव है। इसमें केवल “अल-जिहाद” की जगह “अल-इस्लाम” शब्द जोड़ा गया है।
ये तो जानते ही हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और भारत में अशांति फैलाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है।