Jalandhar Byelection Result 2023: जालंधर में AAP की बड़ी जीत, लोकसभा में पार्टी का खुल गया खाता
Jalandhar By Election Result 2023: चुनाव आयोग की तरफ से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक, आप उम्मीदवार कांग्रेस पत्याशी से करीब 52 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी से जहां सुशील रिंकू मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से दिवंगत सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी उम्मीदवार हैं।
Jalandhar News: देश में आज चुनाव नतीजों का दिन है। शनिवार 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के साथ-साथ एक लोकसभा उपचुनाव और तीन राज्यों की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में डाले गए मतों की भी गिनती जारी है। पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ये सीट कांग्रेस से छीन ली है। दिल्ली सीएम और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया है।
आम आदमी पार्टी आज सुबह से ही कांग्रेस पर बढ़त बनाए हुई थी। दूसरे राउंड की वोटिंग के बाद लीड 50 हजार को पार कर गया था। आप उम्मीदवार के लीड को देखते हुए कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू ने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी को 58691 वोटों से हरा दिया।
कांग्रेस की लोकसभा में संख्या घटी
कर्नाटक में प्रचंड जीत के साथ उत्साह से लबरेज कांग्रेस को पंजाब में करारा झटका लगा है। जालंधर लोकसभा सीट पंजाब में कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। जहां से पार्टी पिछले 4 बार से जीतती आ रही थी। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को उसके एक और गढ़ से बेदखल कर दिया है। इस हार के साथ लोकसभा में कांग्रेस सांसदों की संख्या घटकर 51 रह गई है।
चौथे नंबर पर रही बीजेपी
जालंधर उपचुनाव में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच ही रही। भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के बीच तीसरे और चौथे स्थान के लिए लड़ाई हुई। कुछ राउंड वोटिंग तक बीजेपी उम्मीदवार इंदर इकबाल अटवाल तीसरे स्थान पर चल रहे थे। लेकिन अंत में शिरोमणि अकाली दल – बसपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार डॉ सुखविंदर सुक्खी ने उन्हें चौथे स्थान पर धकेल दिया। अटवाल चुनाव से ऐन पहले अकाली दल छोड़कर बीजेपी में आए थे।
काम न आया सहानुभूति फैक्टर
उपचुनावों में आम तौर पर सहानुभूति फैक्टर काम करते देखा गया है। लेकिन जालंधर उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि कांग्रेस और अकाली दल दोनों को इससे मदद नहीं मिली है। दरअसल, जालंधर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। इस साल जनवरी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यहां के कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी का निधन हो गया था। कांग्रेस ने उपचुनाव में इस उम्मीद के साथ उनकी पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी को टिकट दिया कि सहानुभूति फैक्टर उनके पक्ष में काम करेगा। मगर ऐसा हुआ नहीं।
इसी तरह चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के दिग्गज अकाली राजनेता और पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया था। शिअद ने इसे चुनाव प्रचार के दौरान भूनाने की खूब कोशिश की लेकिन रूझानों में वह मुकाबले में कहीं नहीं दिखी। बंगा सीट से विधायक और अकाली उम्मीदवार सुखविंदर सुक्खी तीसरे स्थान पर रहे।
AAP का लोकसभा में खुल गया खाता
जालंधर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के साथ ही आम आदमी पार्टी का देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी लोकसभा में खाता खुल गया है। दो राज्यों में सरकार चला रही आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल है लेकिन लोकसभा में उसके पास एक भी सांसद नहीं था। 2022 में भगवंत मान के पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा खाली की गई संगरूर सीट पर लोकसभा उपचुनाव हुआ तो पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। सिमरनजीत सिंह मान आप उम्मीदवार को हराकर एमपी बने थे।
ऐसे में सीएम मान के लिए जालंधर की सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। उन्होंने कांग्रेस के गढ़ में जीत दर्ज करने के लिए एक कांग्रेसी को ही चुना। चुनाव से पहले सुशील रिंकू को पार्टी में लाकर उन्हें जालंधर से उम्मीदवार बनाया गया। रिंकू कांग्रेस से विधायक भी रह चुके हैं। रिंकू ने उन्हें निराश नहीं किया और लोकसभा में आम आदमी पार्टी की शून्यता को भऱ दिया।