Jammu & Kashmir: ड्यूटी छोड़ आंदोलन में शामिल कश्मीरी पंडित कर्मचारियों पर सरकार सख्त, कटेगी सैलरी
आंदोलन पर अब जम्मू कश्मीर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। आदेश जारी कर बता दिया है कि ड्यूटी छोड़ आंदोलन में शामिल होने वाले कर्मचारियों को अनुपस्थित माना जाएगा सैलरी नहीं मिलेगी।
Jammu & Kashmir : जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों एक के बाद एक हुए 'टारगेट किलिंग' (Target Killing) की घटनाओं ने लंबे समय बाद घाटी लौटे कश्मीरी पंडितों में खौफ भर दिया है। इन घटनाओं ने तीन दशक उन पुराने जख्मों को हरा कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें अपना घर-बार छोड़कर अनजान जगहों पर शरण लेना पड़ा और एक नई शुरूआत करनी पड़ी। पीएम पैकेज के तहत फिर से कश्मीर आकर काम करने वाले कश्मीरी पंडित पिछले कई दिनों से टारगेट किलिंग के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
उनके आंदोलन पर अब जम्मू कश्मीर प्रशासन सख्ती बरतता नजर आ रहा है। प्रशासन ने आदेश जारी कर बता दिया है कि ड्यूटी छोड़कर आंदोलन में शामिल होने वाले कर्मचारियों को अनुपस्थित माना जाएगा और सितंबर माह की सैलरी नहीं मिलेगी। जो जितने दिन अनुपस्थित पाया जाएगा, उतने दिनों की वेतन कटौती होगी। धरने पर बैठे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि वेतन काटकर सरकार हमारा शोषण करना चाहती है।
134 दिन से कर रहे हैं प्रदर्शन
घाटी में अचानक कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की हत्या में हुई बढ़ोतरी ने यहां काम कर रहे समुदाय के अन्य लोगों में जबरदस्त खौफ पैदा कर दिया है। टारगेटेड किलिंग की घटनाओं के बाद लगभग 4 हजार कश्मीरी पंडित कर्मचारी पिछले 134 दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी दो ही मांग है, सुरक्षा की गारंटी और कश्मीर घाटी से बाहर पोस्टिंग। अभी तक सरकार और इनके बीच हुई कोई बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी है।
सरकार हमारा शोषण न करे
वहीं, अपनी पोस्टिंग की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कश्मीर पंडित कर्मचारियों ने सरकार के ताजा निर्णय पर कहा कि सरकार मसले का हल करने के बजाय हम पर कार्रवाई कर रही है। हमारा वेतन काटकर शोषण न किया जाए। हमारी एक ही मांग है हमें घाटी से सुरक्षित पोस्टिंग दी जाए। पीएम पैकेज के तहत काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं रूकना चाहिए।
बता दें कि इस साल अगस्त तक 21 टारगेटेड किलिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। मई में आतंकवादियों ने बड़गाम के चडूरा इलाके में तहसीलदार दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी। मई माह के आखिरी दिन सरकारी स्कूल की टीचर रजनी बाला की भी स्कूल में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इन सब घटनाओं के बाद घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने फिर से पलायन करने का ऐलान कर दिया था।