Omar Abdullah Oath Ceremony: उमर के शपथ ग्रहण से पहले रंग में भंग, अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होगी कांग्रेस

Omar Abdullah Oath Ceremony: पहले कहा जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन अब कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा।

Newstrack :  Network
Update:2024-10-16 10:40 IST

Omar Abdullah Oath Ceremony (photo: social media )

Omar Abdullah Oath Ceremony: कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होगी। कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले की सरकार में शामिल न होने का ऐलान कर रंग में भंग डाल दिया है। जम्मू-कश्मीर में आज यानी बुधवार को उमर अब्दुल्ला कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। जिसमें 10 कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। इसमें कांग्रेस से भी एक मंत्री बनने की बात कही जा रही थी, लेकिन कांग्रेस ने किसी भी विधायक के मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया है। वहीं कांग्रेस के इस कदम से नेशनल कांफ्रेंस भी सकते में आ गई है। वहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है।

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सहित इंडिया ब्लॉक के कई दिग्गज शामिल होने वाले हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं। लेकिन उमर के शपथ ग्रहण से पहले ही इस आयोजन के रंग में भंग पड़ता दिखाई दे रहा है।

दरअसल, पहले कहा जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन अब कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा। वहीं कांग्रेस पार्टी बाहर से समर्थन करने पर भी विचार कर रही है। इस पूरे मामले पर जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रभारी भरत सिंह सोलंकी का कहना है कि इस मामले को लेकर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है। चर्चा पूरी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बात पूरी न हो पाने के कारण आज कोई भी कांग्रेस विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। वहीं इस बात को लेकर भी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी या फिर उसे बाहर से समर्थन करेगी।

दोनों ने मिल कर लड़ा था चुनाव

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था और माना जा रहा था कि कांग्रेस भी उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल होगी यानी सरकार का हिस्सा रहेगी। लेकिन शपथ ग्रहण से पहले ही कांग्रेस ने सरकार में शामिल न होने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया है। क्योंकि कांग्रेस विधायक के मंत्रिमंडल में शामिल न होने का सीधा सा मतलब है कि अभी कैबिनेट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की नेशनल कांफ्रेंस से बात फाइनल नहीं हो पाई है और इस तरह से कांग्रेस के पास बाहर से समर्थन देने का विकल्प भी है ताकि किसी उस पर तरह का दबाव भी न रहे।

गठबंधन को मिली हैं 48 सीटें

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व ही गठबंधन किया था। चुनाव में गठबंधन ने जीत हासिल की है। विधानसभा की 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जहां 42 तो कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, बीजेपी 29 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। इस चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

ये है नंबर गेम

हाल ही में जम्मू कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। अगर उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों के मनोनयन को भी जोड़ लें तो सदन में सदस्यों की कुल संख्या 95 पहुंचती है। 10 फीसदी वाली कैप भी है, ऐसे में देखा जाए तो अधिकतम 10 मंत्री ही बन सकते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 विधायक चुनाव जीते हैं और चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल रही कांग्रेस के छह, सीपीएम के एक विधायक हैं। चुनाव पूर्व गठबंधन से ही 49 विधायक हैं और अब पांच निर्दलीय विधायकों ने भी उमर अब्दुल्ला सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी भी गिव एंड टेक के फॉर्मूले पर समर्थन ऑफर कर चुकी है।

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