Mehbooba Mufti: पूर्व सीएम महबूबा को खाली करना होगा सरकारी आवास, प्रशासन ने भेजा अंतिम नोटिस

Mehbooba Mufti: महबूबा को बीते 15 अक्टूबर को भी राज्य संपदा विभाग इस बाबत नोटिस भेज चुका है। जिसका जवाब पिछले दिनों पीडीपी सुप्रीमो ने दिया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-10-27 10:01 IST

Mehbooba Mufti (photo: social media )

Mehbooba Mufti: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को राजधानी श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित सरकारी बंगले को जल्द खाली करना होगा। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें अंतिम नोटिस भेजते हुए 15 नवंबर तक आवास खाली करने को कहा है। महबूबा को बीते 15 अक्टूबर को भी राज्य संपदा विभाग इस बाबत नोटिस भेज चुका है। जिसका जवाब पिछले दिनों पीडीपी सुप्रीमो ने दिया था। पूर्व सीएम के जवाब से असंतुष्ट विभाग ने कहा कि उनकी तरफ से जो जवाब आया है वो बिल्कुल आधारहीन और अंसतोषजनक है।

महबूबा मुफ्ती श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित सरकारी कोठी फेयर व्यू में पिछले 17 सालों से रह रही हैं। ये आवास उनके पिता और दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को साल 2005 में आवंटित किया गया था। बीते 15 अक्टूबर को राज्य संपदा विभाग ने महबूबा को नोटिस भेज कर बंगला खाली करने को कहा था। जिस पर उन्होंने कहा था कि वह कानूनी राय ले रही हैं। हालांकि, कुछ ही दिनों बाद वो ये कहकर बंगला खाली करने के लिए राजी हो गईं कि ये आवास उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।

महबूबा ने नोटिस पर कही थे ये बात

पिछले दिनों महबूबा मुफ्ती ने बंगला खाली करने का नोटिस मिलने पर कहा था कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। वर्तमान प्रशासन से यही अपेक्षा की जा सकती है। पीडीपी सुप्रीमो ने नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि नोटिस में कहा गया है कि बंगला मुख्यमंत्री के लिए है, मगर हकीकत ये नहीं है। यह आवास मेरे पिता (मुफ्ती मोहम्मद सईद) को साल 2005 में तब आवंटित हुआ था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था। इसलिए प्रशासन द्वारा जो आधार बताए जा रहे हैं, वे गलत हैं।

बंगला खाली करने को तैयार महबूबा

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर प्रशासन के साथ टकराव मोल न लेने का फैसला लिया है। पिछले दिनों अपने चुनावी क्षेत्र में अपने दिवंगत पिता और पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के मजार पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि मैं सरकारी बंगला खाली कर रही हूं। ये मेरे लिए कोई बड़ी चीज नहीं है। मीडिया को इस मुद्दे को ज्यादा हवा नहीं देना चाहिए।

बता दें कि पीडीपी सुप्रीमो जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने से पहले राज्य में बीजेपी के साथ सरकार चला रही थीं। वो लगातार विशेष दर्जा समाप्त करने के मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना कर रही हैं।

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