अटल जी की सेवा से राजनीति का मेवा खा पाये जसवंत सिंह
भाजपा नेता जसवंत सिंह नहीं रहे । अपने अंतिम दिनों में वह भाजपा में अलग थलग पड़ गए थे । जसवंत सिंह की राजनीति में एंट्री भी बेहद दिलचस्प है। राजनीति में जसवंत सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की मदद करने के लिए आए थे ।
योगेश मिश्र
नई दिल्ली: भाजपा नेता जसवंत सिंह नहीं रहे । अपने अंतिम दिनों में वह भाजपा में अलग थलग पड़ गए थे । जसवंत सिंह की राजनीति में एंट्री भी बेहद दिलचस्प है। राजनीति में जसवंत सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की मदद करने के लिए आए थे । अटल जी के निजी सचिव की हैसियत से उन्होंने एक साल तक कम अभी किया। अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाक़ात राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे भाजपा के दिग्गज नेता भैरो सिंह शेखावत ने करवाई थी।
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अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के छह रायसीना रोड के मकान में रहते थे
बात उन दिनों की है जब अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के छह रायसीना रोड के मकान में रहते थे । अटलजी हिंदी में पारंगत, दक्ष लेखक और वक्ता थे। अटल बिहारी वाजपेयी जनता की ज़बान बोलते थे । उन पर काम का बोझ बहुत ज़्यादा था। वह भले ही विपक्ष के के नेता थे । पर उनमें संभावनाएँ लोगों को काफ़ी दिखती थीं। इसलिए विदेश के नेता व दूतावास उन्हें तवज्जो बहुत देते थे।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी अटल जी से मिलने पहुँचे
एक रोज़ डॉ. मुरली मनोहर जोशी अटल जी से मिलने पहुँचे। अटल जी ने कहा कि कोई ऐसा आदमी हमें चाहिए जो दूतावास और विदेशी राजनयिकों के पत्र व्यवहार का जवाब दे सके। डॉ. जोशी ने कहा कि हम यह काम आपका कर देंगे। पर अटल जी ने कहा कि नहीं हमें फ़ुल टाइम आदमी चाहिए । हालाँकि इसके पहले लालकृष्ण आडवाणी जी अटल जी के पत्राचार आदि देखा करते थे। पर बाद में उनकी भी व्यस्तताएँ बढ़ गयी थीं।
भैरो सिंह शेखावत जी भी पहुँच गये
इस बीच भैरो सिंह शेखावत जी भी पहुँच गये। चूँकि चर्चा जारी थी। इसलिए शेखावत जी को बोलने का मौक़ा मिल गया। उन्होंने कहा कि उनके पास राजस्थान का एक आदमी है जो सेना से रिटायर है। अंग्रेज़ी अच्छी जानता है। फ़ुल टाइम काम कर सकता है।
जसवंत सिंह ने सेना छोड़ने के बाद एक कंपनी डाल ली थी
उन दिनों जसवंत सिंह ने सेना छोड़ने के बाद एक कंपनी डाल ली थी। जिसका ऑफिस खान मार्केट के पास के एक होटल में खोल रखा था। दूसरे दिन भैरो सिंह शेखावत जी जसवंत सिंह को लेकर अटल जी के आवास पर पहुँच गये। भैरो सिंह शेखावत जी ने अटल जी से जसवंत सिंह को मिलवाने के बाद कहा कि यह आपका फ़ुल टाइम काम करेंगे। अटल जी व जसवंत सिंह के बीच भी बात हुई । अटल जी आश्वस्त हो गये।
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अगले कुछ दिनों बाद अटल जी का काम जसवंत सिंह एक निजी सचिव की हैसियत से देखने लगे। क़रीब एक साल तक उन्होंने अटल जी का काम देखा। एक साल बाद अटल जी ने उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह दिलवा दी। फिर तो वह राजनीतिक चढ़ाई चढ़ते गये। अटल जी का विश्वास जीतने के चलते उनके काबीना में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे।
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