झारखंड: कोरोना के कारण कौशल विकास मिशन पर ग्रहण, ट्रेनिंग सेंटर पर लटके ताले

कोविड के कारण झारखंड में सभी तरह के कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग सेंटर बंद हैं। लिहाज़ा, इसका नुक़सान सेंटर चलाने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है।

Update:2020-12-14 18:28 IST
झारखंड: कोरोना के कारण कौशल विकास मिशन पर ग्रहण, ट्रेनिंग सेंटर पर लटके ताले (PC: social media)

रांची: कोरोना वायरस महामारी के कारण झारखंड कौशल विकास मिशन सोसायटी के कामकाज पर ग्रहण लग गया है। लॉकडॉन लगने के साथ ही ट्रेनिंग सेंटर बंद कर दिए गए जो अबतक ऑपरेशनल नहीं हो पाया है। श्रम, प्रशिक्षण, नियोजन एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोगता ने फरवरी-मार्च माह तक ट्रेनिंग सेंटर खोल देने का आश्वासन दिया है। हालांकि, विभागीय स्तर पर 16 दिसंबर को होने वाली बैठक में अंतिम तौर पर निर्णय लिया जाएगा। इस बीच कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली कंपनियां और उससे जुड़े लोग आर्थिक संकट से ग़ुज़र रहे हैं।

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मंत्री सत्यानंद भोगता का बयान

कोविड के कारण झारखंड में सभी तरह के कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग सेंटर बंद हैं। लिहाज़ा, इसका नुक़सान सेंटर चलाने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण केंद्र से जुड़े लोगों को आर्थिक संकट से भी ग़ुज़रना पड़ रहा है। विभागीय मंत्री सत्यानंद भोगता ने भरोसा दिलाया है कि, आगामी फरवरी-मार्च महीने तक ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना है। कोरोना वायरस महामारी के कारण सेंटर बंद रखे गए हैं। मंत्री सत्यानंद भोगता ने कहा कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता करने के बाद ही अंतिम निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा।

आर्थिक संकट में संचालक

देशभर में लॉकडॉन लगने के बाद से ही झारखंड में स्किल मिशन के तहत चलने वाले ट्रेनिंग सेंटर बंद हैं। ज़िला स्तर पर चलने वाले मेगा स्किल सेंटर से लेकर सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना बंद है। सेंटर में लाखों रूपए के आधारभूत संरचना बेकार पड़ी हुई है। ऊपर से कर्मचारियों को वेतन देना पड़ रहा है। ऐसे में आमदनी भले ही कुछ न हो लेकिन खर्च में कमी नहीं आई है। यही वजह है कि, सेंटर संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। जल्द ही कोई निर्णय नहीं हुआ तो सेंटर चलाना मुश्किल हो जाएगा।

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मज़दूरों को ट्रेनिंग देने की योजना पर ग्रहण

लॉकडॉन के दौरान विभिन्न प्रदेशों से वापस लाए गए प्रवासी मज़दूरों को स्किल्ड बनाने की योजना थी। कौशल विकास मिशन के तहत मज़दूरों को विभिन्न ट्रेड में ट्रेनिंग दिया जाना था। इसके लिए विभागीय स्तर पर बात भी आगे बढ़ी लेकिन उसे धरातल पर नहीं उतारा जा सका। कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाले संचालकों को लगा कि, प्रवासी मज़दूरों को ट्रेनिंग देने से उनके खाली समय का सही इस्तेमाल हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

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मुख्यमंत्री ने की कार्यों की समीक्षा

पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होने बाज़ार की मांग के अनुरूप ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया। विभागीय मंत्री सत्यानंद भोगता की मौजूदगी में कार्यों की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि, बाज़ार में सर्वे कराएं। अगले पांच वर्षों में बाज़ार की मांग क्या रहने वाली है उसी अनुरूप प्रशिक्षण दें। उद्योगों से बातचीत कर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बच्चों को रोज़गार दिलाएं। वेल्डर, मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, पलम्बर और ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग की ट्रेनिंग से बच्चों को जोड़ें।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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