J-K Election Result: पांच विधायकों के मनोनयन पर BJP का तीखा हमला, पूछा-क्या संसद में सो रही थी कांग्रेस?
J-K Election Result: जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों का मनोनयन संवैधानिक प्रक्रिया है।
J-K Election Result: जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन में उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत होने वाले पांच विधायकों की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। पांच विधायकों के मनोनयन के मुद्दे पर खासा विवाद पैदा हो गया है। कांग्रेस व नेशनल कान्फ्रेंस ने इस पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या करार दिया है। अब भाजपा ने पांच विधायकों के मनोनयन के मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों का मनोनयन संवैधानिक प्रक्रिया है। संसद में 2023 में इस बाबत संशोधन विधेयक पेश किया गया था और बहस के बाद इसे पारित किया गया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या उस समय कांग्रेस संसद में सो रही थी? उन्होंने दावा किया कि जम्मू क्षेत्र में भाजपा काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी और राज्य भर में करीब 35 सीटें जीतने में कामयाब होगी।
ताकतवर बनकर उभरेगी भाजपा
जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रैना ने नतीजों की घोषणा से पहले मंगलवार की सुबह जम्मू के मां दुर्गा अष्टभवानी मंदिर में दर्शन-पूजन करने के लिए पहुंचे। इस मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मां दुर्गा ने राष्ट्रवादी शक्तियों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि निश्चित रूप से यहां पर दैवीय शक्तियों को जीत हासिल होगी।
रैना इस बार राजौरी जिले की नौशेरा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस बार मतदाताओं ने खासा उत्साह दिखाया है और भाजपा को लोगों का व्यापक समर्थन मिला है। इसी आधार पर उन्होंने दावा किया कि पार्टी राज्य भर में 30 से 35 सीटें जीतने में कामयाब होगी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय क्षेत्रों में भी भाजपा समर्थित 15 प्रत्याशियों के जीतने की उम्मीद जताई।
क्या संसद में सो रही थी कांग्रेस
पांच विधायकों के मनोनयन के मुद्दे पर पैदा हुए विवाद के संबंध में रैना ने कहा कि यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संसद में 2023 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल पेश किया गया था, जिस पर दोनों सदनों में बहस हुई थी और यह बिल पास हुआ था। संसद में जिस समय यह बिल पेश किया गया था उसे समय नेशनल कान्फ्रेंस के नेता डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी दोनों सदन में मौजूद थे। जब यह बिल संसद में पेश किया गया था तो उस समय इस बिल के प्रावधानों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई थी।
सवाल यह पैदा होता है कि क्या उस समय कांग्रेस से संसद में सो रही थी? जब बिल में ही इस बात का प्रावधान किया गया था तो कांग्रेस को आज कैसे याद आ रहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच सदस्यों का मनोनयन किया जाना है। उस वक्त नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस की ओर से आपत्ति क्यों नहीं जताई गई। अब इसे लेकर नाहक विवाद पैदा किया जा रहा है।
मनोनयन से बहुमत का आंकड़ा 48 का होगा
पांच विधायकों के मनोनयन से सदन में सदस्यों की संख्या 95 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 48 पर पहुंच जाएगा। जम्मू-कश्मीर में मतदान के बाद कराए गए एग्जिट पोल के मुताबिक किसी भी गठबंधन या पार्टी को इतनी ज्यादा सीटें पाने की संभावना नहीं है। इसी कारण मनोनयन के प्रस्ताव को लेकर नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस को डर सताने लगा है।
दोनों पार्टियों का कहना है कि उपराज्यपाल केंद्र सरकार की ओर से मनोनीत हैं और किसी भी गठबंधन या पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में वे भाजपा की मदद करने वाला कदम उठा सकते हैं। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि एलजी केवल मुख्यमंत्री की सलाह पर ही अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल जिन पांच सदस्यों का मनोनयन करेंगे, उनमें एक महिला, एक पीओके से आया शरणार्थी, दो कश्मीरी विस्थापित और एक अन्य होगा।