टाइगर अभी जिंदा हैः इस नेता ने दिग्विजय-कमलनाथ को ललकार कर क्यों कही ये बात

गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया के समर्थक सिर्फ 6 विधायक मंत्री बने थे। लेकिन इस बार शिवराज मंत्रिमंडल में ज्योदिरादित्य सिंधिया का दबदबा कायम रहा।

Update:2020-07-02 17:19 IST

मध्य प्रदेश में आज कल एक बार फिर राजनीति गरमाई हुई है। और एक बार फिर आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया। असल में मध्य प्रदेश में सरकार बनने के 100 दिन बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया का वर्चस्व काफी दिखा। सिंधिया की छाप का असर ये रहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री शिवराज के कई करीबी और पुराने मंत्रियों की भी छुट्टी हो गई। नहीं इस मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने विरोधियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को ललकारते हुए कहा, ''टाइगर अभी ज़िन्दा है"।

'टाइगर अभी ज़िन्दा है'

बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'न मुझे कमलनाथ से प्रमाणपत्र चाहिए और न दिग्विजय सिंह से। प्रदेश के सामने तथ्य है कि 15 महीनों में इन्होंने किस तरह प्रदेश का भंडार लूटा है। और खुद ले लिया। वादा खिलाफी का इतिहास देखा है। मैं दोनों से यही कहना चाहता हूं कि टाइगर अभी जिन्दा है।' शपथ ग्रहण समारोह के बाद सिंधिया समर्थक विधायकों का उत्साह आज देखते ही बन रहा था। मंत्री पद की शपथ लेने वाली विधायक इमरती देवी ने तो पूर्व सीएम कमलनाथ को छिंदवाड़ा तक जाने की सलाह दे डाली।

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इमरती देवी ने कहा, 'कमलनाथ जी को छिंदवाड़ा जाना है तो चले जाएं, अब रास्ता साफ है।' गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया के समर्थक सिर्फ 6 विधायक मंत्री बने थे। लेकिन इस बार शिवराज मंत्रिमंडल में ज्योदिरादित्य सिंधिया का दबदबा कायम रहा। पहले शिवराज ने पांच मंत्री बनाए थे, उसमें भी दो सिंधिया की पसंद थे। अब उसमें एक दर्जन और जुड़ गए। ऐसे में सिंधिया का गरजना और कमलनाथ पर निशाना साधना बनता है।

सफाई देते नज़र आए पूर्व मंत्री

मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों के वर्चस्व के बाद शिवराज समर्थक इस विषय पर सफाई देते नज़र आए। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अब सब बीजेपी है। जितने मंत्री बने, सब बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। इसे और कोई रंग मत दीजिए। सिंधियाजी भी भाजपा के हैं। वहीं, एक अन्य मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा, 'थोड़ा समय लगा, लेकिन जो मंथन हुआ उससे अमृत निकला। बहुत संतुलित मंत्रिमंडल बना है। हम सब मिलकर फिर एमपी को विकास की तरफ ले जाएंगे। बीजेपी का फैसला है सिंधियाजी हमारी पार्टी के नेता हैं। इसलिये उनका भी सम्मान है।'

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आज के मंत्रिमंडल विस्तार में शिवराज के करीबी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन और संजय पाठक का पत्ता कट गया। लेकिन इनको संगठन ने समझा दिया है कि एमपी में कमलनाथ सरकार के गिरने औऱ शिवराज सरकार के बनने की वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। इसलिए उनको तरजीह देना जरूरी है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा भी, 'सिंधिया जी के कारण सरकार बनी। 22 माननीय विधायक कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में आए। अभी चुनाव भी है इसलिए सिंधिया जी के अधिकतम 14 लोगों को मंत्री बनाया गया। इससे उपचुनाव में लाभ होगा।'

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