अगर कलराज हैं सही तो गौर-सरताज और नजमा को क्यों गंवाना पड़ा मंत्रीपद?

Update: 2016-09-14 23:23 GMT

भोपालः केंद्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री और यूपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले कलराज मिश्र ने पीएम नरेंद्र मोदी के एक अलिखित नियम पर सवाल खड़ा कर दिया है। कलराज मिश्र ने कहा है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि सरकार या बीजेपी के स्तर पर 75 साल की उम्र वालों को मंत्री न बनाने का कोई नियम है। बता दें कि इस नियम के कारण बीते दिनों बाबूलाल गौर, सरताज सिंह और नजमा को मंत्रीपद गंवाना पड़ा था।

कलराज ने क्या कहा?

कलराज ने कहा कि अगर 75 साल वालों को मंत्री न बनाने का कोई नियम है, तो उस हिसाब से उन्हें भी केंद्र सरकार में कोई ओहदा नहीं मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह तो मंत्री हैं और किसी ने उनसे मंत्रीपद छोड़ने को भी नहीं कहा है। कलराज मिश्र ने कहा कि बीजेपी या सरकार के स्तर पर ऐसा कोई नियम बनाए जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

किन-किन को गंवाना पड़ा है मंत्रीपद?

बता दें कि इस नियम के कारण ही मध्य प्रदेश सरकार से बाबूलाल गौर और सरताज सिंह की विदाई हुई थी। गौर और सरताज ने इस मसले पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और मोदी के खिलाफ काफी नाराजगी भी जताई थी। बीते दिनों 75 साल की उम्र की वजह से ही मोदी सरकार में मंत्री रहीं नजमा हेपतुल्ला को भी गवर्नर बनाकर मणिपुर भेज दिया गया था।

मार्गदर्शक मंडल में हैं वरिष्ठ

बताया जाता है कि पीएम मोदी के कहने पर बीजेपी ने उम्रदराज नेताओं को मंत्री न बनाने का अलिखित नियम तय किया। इसके तहत पार्टी में एक मार्गदर्शक मंडल बनाया गया। पीएम इन वेटिंग ही रह गए लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी जैसे कद्दावर नेता नाराजगी जताने के बावजूद इस मार्गदर्शक मंडल में ही रख दिए गए थे।

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