आज एंटी करप्शन ब्यूरो पहुंचेंगे कपिल मिश्रा, करेंगे 'आप' के इन दो लोगों की शिकायत
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी में मची हलचल कम होने का नाम नहीं ले रही है। अरविंद केजरीवाल पर घूस लेने का आरोप लगाने के बाद कपिल मिश्रा आज एक और कदम उठाने जा रहे हैं। आज कपिल मिश्रा टैंकर घोटाले की शिकायत करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो जाएंगे। कपिल मिश्रा का कहना है कि जल्द ही सत्येन्द्र जैन की भी छुट्टी हो जाएगी।
कपिल मिश्रा की मानें तो वह टैंकर घोटाले में दो लोगों का नाम देंगे जो कि विभव पटेल और आशीष तलवार हैं। कपिल मिश्रा का कहना है कि जीत सच की ही होगी।
कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाए यह आरोप
-केजरीवाल पर कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि संत्येंद्र जैन ने उनको 2 करोड़ की रकम दी।
-पैसा देते हुए मैंने खुद अपनी आंखों से देखा।
-उन्होंने कहा कि मेरे प्राण भी चले जाएं, तो मैं चुप नहीं रहूंगा।
-केजरीवाल की जानकारी में कई घोटाले हुए पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-केजरीवाल ने रिश्तेदार के लिए जमीन की डील करवाई और उसे 50 करोड़ की जमीन मुहैया करवाई।
-मैंने उपराज्यपाल को ये सारी बातें बताई हैं। अगर मैं दागी ही था, तो मुझे पहले क्यों नहीं हटाया गया।
-उन्होंने कहा कि सभी भ्रष्टाचारियों को जेल भेजकर ही दम लूंगा।
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कपिल मिश्रा करावल नगर सीट से विधायक हैं और कुमार विश्वास के करीबी माने जाते हैं। बता दें कि केजरीवाल ने शनिवार शाम को अपने घर पर विधायक दल की बैठक बुलाई थी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भारी उलटफेर करते हुए दिल्ली सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा को उनके पद से हटा दिया।
दिल्ली सरकार में मंत्री के पद से हटाए जाने के तुरंत बाद मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मैं इकलौता मंत्री हूं जिस पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। मेरे खिलाफ कोई सीबीआई जांच नहीं हुई। किसी बेटी रिश्तेदार को पद नही दिया। पूर्व सीएम शीला दीक्षित का भ्रष्टाचार खोला’। उन्होंने अगला ट्वीट किया, ‘ये मेरी पार्टी है. 2004 से आंदोलन से जुड़ा रहा हूं। कहीं नही जाएंगे। यहीं रहकर सफाई करेंगे। झाड़ू चलाएंगे। कूड़ा हटाएंगे’।
कपिल मिश्रा ने रविवार (07 मई) की सुबह एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने तुलसीदास के दोहे का जिक्र किया। उन्होंने लिखा ‘सचिव बैद गुरु तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस। राज, धर्म, तन तीनि कर, होये बेगिहीं नास।’
मनीष सिसोदिया भी बोले
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि कपिल मिश्रा मेहनती थे, लेकिन जल प्रबंधन का उनका काम संतोषजनक नहीं था। लोगों तक पानी नहीं पहुंचने की शिकायतें लगातार आ रही थीं। सब्सिडी पर दिए जाने वाले बिल भी काफी ज्यादा थे।
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राजनीति में अरविंद केजरीवाल जिस मापदंडों की बात करते रहे हैं, उस लिहाज से उन्हें खुद उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपना चाहिए और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को जांच सौंप देनी चाहिए।