ठंडे नहीं पड़े कपिल सिब्बल के तेवर, कांग्रेस पर अब कही ऐसी बात, तिलमिलाए चौधरी

पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे सिब्बल ने अब यहां तक कह डाला है कि कांग्रेस अब देश में असरदार विपक्षी दल नहीं रह गई है।

Update: 2020-11-22 05:19 GMT
ठंडे नहीं पड़े कपिल सिब्बल के तेवर, कांग्रेस पर अब कही ऐसी बात, तिलमिलाए चौधरी (Photo by social media)

नई दिल्ली: कांग्रेस के कुछ नेताओं के हमलों और आपत्तियों के बावजूद वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के तेवर ठंडे नहीं पड़े हैं। उन्होंने एक बार फिर साल भर से कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव न होने और संगठन की कमजोरियां दूर न करने का मुद्दा उठाया है।

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पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे सिब्बल ने अब यहां तक कह डाला है कि कांग्रेस अब देश में असरदार विपक्षी दल नहीं रह गई है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान सिब्बल ने ये बातें कहीं। दूसरी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सिब्बल पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वे हमारे नेता नहीं है जो उनके सभी बयानों का जवाब दिया जाए।

बिना लीडर के चल रही कांग्रेस पार्टी

बिहार विधानसभा और कुछ अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के नेता आपसी बयानबाजी में ही उलझ गए हैं। दूसरी ओर पार्टी हाईकमान इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि राहुल गांधी ने डेढ़ साल पहले पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ा था। उन्होंने सवाल किया कि कोई भी बड़ा सियासी दल कैसे बिना किसी लीडर के डेढ़ साल तक काम कर सकता है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ता ऊहापोह की स्थिति में है और उन्हें अपनी मंजिल की जानकारी ही नहीं है।

चुनावी नतीजों से कांग्रेस की हालत स्पष्ट

सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस की ओर से संगठन को मजबूत बनाने के कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले काफी समय से पार्टी में अध्यक्ष न होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पार्टी के कामकाज का तरीका सही नहीं है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि हाल में हुए चुनावों के नतीजों से कांग्रेस की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है। सियासी नजरिए से महत्वपूर्ण माने जाने वाले यूपी जैसे राज्य में कांग्रेस का कोई असर ही नहीं बचा है। गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां कांग्रेस डटकर भाजपा का मुकाबला करती थी, वहां के नतीजे भी बेहद खराब रहे हैं।

kapil-sibal (Photo by social media)

गुजरात व मध्यप्रदेश के नतीजों से निराशा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी ने सभी आठ सीटें खो दीं। यह स्थिति तब थी जब ये सभी सीटें कांग्रेस विधायकों ने ही खाली की थीं।

मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराश करने वाला रहा और कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने से खाली हुई 28 सीटों में से पार्टी सिर्फ 8 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी।

असरदार विकल्प नहीं रह गई कांग्रेस

उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजों से साफ है कि जहां कांग्रेस भाजपा का डटकर मुकाबला करती थी वहां अब कांग्रेस असरदार विकल्प भी नहीं रह गई है। इससे साफ है कि पार्टी संगठन कमजोर हो रहा है जिसे मजबूत बनाने के लिए कदम उठाना होगा।

मुद्दा उठाने पर भी नहीं दिया ध्यान

सिब्बल ने कहा कि पार्टी की कमजोर होती हालत का मुद्दा उन्होंने जुलाई में संसदीय समूह की बैठक के दौरान उठाया था और फिर 23 नेताओं ने अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था।

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा उठाए जाने के बावजूद पार्टी में न तो अभी तक इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई और न तो कोई हमारे पास इस बाबत चर्चा करने के लिए आया। इससे साफ है कि पार्टी को मजबूत बनाने के प्रति उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है।

चौधरी बोले- सिब्बल हमारे नेता नहीं

सिब्बल के बयान पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने यहां तक कह डाला कि कपिल सिब्बल हमारे नेता नहीं है जो उनकी हर बात पर कमेंट किया जाए।

चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की काम करने की अपनी कार्यशैली है। पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर काम चल रहा है। चौधरी ने कहा कि जब काम पूरा हो जाएगा तब इस संबंध में एलान कर दिया जाएगा।

congress-party-flag (Photo by social media)

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गहलोत भी जता चुके हैं तीखी प्रतिक्रिया

चुनावी नतीजों के बाद में सिब्बल के बयानों पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी तीखी प्रतिक्रिया जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिब्बल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें पार्टी के आंतरिक मामलों को मीडिया में लेकर नहीं जाना चाहिए। उनके रवैये ने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को बुरी तरह आहत किया है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी ने भी सिब्बल के बयानों को लेकर उन पर तीखा हमला किया है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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