Karnataka Election Result: JDS का 5% वोट कांग्रेस को ट्रांसफर, इसी ने किया बड़ा खेल, BJP को वोट शेयर में नुकसान नहीं

Karnataka Election Result: कांग्रेस को मिली इतनी बड़ी जीत के पीछे जद एस का का पांच फ़ीसदी वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होना बड़ा कारण माना जा रहा है। इस पांच फ़ीसदी वोट ने कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। दूसरी ओर यदि भाजपा के वोट शेयर को देखा जाए तो पार्टी को एक फीसदी से भी कम का नुकसान हुआ है मगर सीटों के मामले में पार्टी को बड़ा झटका लगा है

Update:2023-05-14 14:59 IST

Karnataka Election Result: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शानदार जीत पार्टी के लिए बड़ी संजीवनी मानी जा रही है। जीत के जरिए कांग्रेस ने दक्षिण भारत में भाजपा के एकमात्र दुर्गों को भी ढा दिया है। कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत हासिल हुई कि पार्टी ने भाजपा से दोगुनी से भी छह सीटें अधिक हासिल की हैं। जब कई एग्जिट पोल में कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत मिलने का दावा किया गया था तो एकबारगी सियासी पंडितों को भी इस पर भरोसा नहीं हुआ था।

वैसे कांग्रेस को मिली इतनी बड़ी जीत के पीछे जद एस का का पांच फ़ीसदी वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होना बड़ा कारण माना जा रहा है। इस पांच फ़ीसदी वोट ने कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। दूसरी ओर यदि भाजपा के वोट शेयर को देखा जाए तो पार्टी को एक फीसदी से भी कम का नुकसान हुआ है मगर सीटों के मामले में पार्टी को बड़ा झटका लगा है।

कांग्रेस का वोट शेयर 5.16 फ़ीसदी बढ़ा

यदि कर्नाटक विधानसभा के चुनाव का वोट शेयर के लिहाज से विश्लेषण किया जाए तो बड़े दिलचस्प तथ्य उजागर होते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 38.04 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे और पार्टी 78 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 43.2 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही है।

इस तरह यदि 2018 के विधानसभा चुनाव से तुलना की जाए तो इस बार कांग्रेस को 5.16 फ़ीसदी ज्यादा वोट मिला है। पिछले चुनाव से पांच फीसदी से थोड़ा अधिक वोट कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है और पार्टी को 2018 की अपेक्षा 58 सीटों का फायदा हुआ है। इस बार पार्टी की सीटों की संख्या 78 से बढ़कर 136 पर पहुंच गई है।

जद एस के वोट शेयर में 5.06 की गिरावट

भाजपा और जद एस के वोट शेयर को देखकर इस आंकड़े को और गहराई से समझा जा सकता है। जनता दल एस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 18.36 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे। इस वोट शेयर के साथ 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में जद एस को 13.3 फ़ीसदी वोट हासिल हुए हैं।
जनता दल एस के वोट शेयर में इस बार 5.06 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है। इस कारण पार्टी की सीटों की संख्या भी घट गई है। इस बार पार्टी सिर्फ 19 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न हासिल होने पर कुमारस्वामी ने मौका भुनाया था और वे राज्य के मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे। हालांकि वे इस पद पर करीब एक साल ही रह सके थे मगर इस बार के चुनाव में उन्हें भी करारा झटका लगा है।

भाजपा को वोट शेयर में ज्यादा नुकसान नहीं

अब यदि भाजपा के वोट शेयर को देखा जाए तो मामला और दिलचस्प हो जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36.22 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे। 2018 के चुनाव में भाजपा 104 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। इस बार के चुनाव में भाजपा को 35.6 फ़ीसदी वोट हासिल हुए हैं। इस तरह भाजपा के वोट शेयर में एक फ़ीसदी से भी कम 0.62 फ़ीसदी की कमी आई है।

इस कारण हुआ बड़ा सियासी बदलाव

भाजपा के वोट शेयर में आई इस मामूली कमी ने बड़ा सियासी खेल नहीं किया है। कर्नाटक में कांग्रेस को मिली भारी जीत के पीछे जद एस के वोट शेयर में आई करीब पांच फ़ीसदी की कमी और यह वोट शेयर कांग्रेस को ट्रांसफर होने को बड़ा कारण माना जा रहा है।
जद एस के वोट शेयर में जितनी कमी आई है, करीब-करीब उतना ही वोट शेयर कांग्रेस का बढ़ गया है। कांग्रेस के वोट शेयर में आई 5.16 फ़ीसदी की बढ़ोतरी ने पार्टी को कर्नाटक में शानदार जीत दिला दी है और पार्टी 136 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है।

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