Electric Bus: ग्रीन सिटी में तब्दील हो रही तिरुवनंतपुरम, इलेक्ट्रिक बसों को मिल रहा बढ़ावा
Electric Bus: इस परियोजना के अंतर्गत केरल राज्य को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में आवागमन के साधनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित करना है।
Electric Bus: देश की केरल सरकार पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में बड़ी ही तेज गति से आगे बढ़ती जा रही है। उसके पीछे की वजह है केरल राज्य में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर चलाई जा रही स्मार्ट सिटी परियोजना। इस परियोजना के अंतर्गत केरल राज्य को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में आवागमन के साधनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित करना है। जिस कड़ी में राज्य सड़क परिवहन निगम को केरल की सरकार द्वारा 60 और इलेक्ट्रिक बसों की सौगात सौंपी गई है।मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने शनिवार को इलेक्ट्रिक बसों के नए बेड़े के शुभारंभ के बाद इन इलेक्ट्रिक बस की यात्रा का आनंद भी उठाया।
53 और बसें सौंपे जाने का वायदा
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनन्तपुरम में एक कार्यक्रम में 60 और इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर उनका शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इन 60 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात को परिवहन मंत्री एंटनी राजू के सुपुर्द कर दिया। केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वाम सरकार अपनी ‘व्यापक शहरी विकास नीति’ योजना को और ज्यादा सुदृढ़ बनाने के लिए 53 और इलेक्ट्रिक बसों को जल्द ही इस बेड़े में शामिल करेगी।
तिरुवनन्तपुरम को 163 इलेक्ट्रिक बसें
नई बसों के शामिल होने के साथ, राज्य में इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या अब बढ़कर 163 हो जाएगी, जिससे राजधानी तिरुवनन्तपुरम पर्यावरण अनुकूल वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ ही एक ‘हरित शहर’ की मुहिम की सारथी बन जाएगी।" मुख्यमंत्री केरल विजयन ने फेस बुक वाल पर अपनी एक पोस्ट में कहा है कि, "वर्तमान में, राज्य की राजधानी में 50 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। नई बसों के साथ, राज्य में इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या 163 हो जाएगी।”
राज्य में हाई-स्पीड परिवहन प्रणाली की जरूरत
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा राज्य में हाई-स्पीड परिवहन प्रणाली को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार जब कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के तहत बाकी बसें बेड़े में शामिल हो जाएंगी, तो शहर की सेवाएं पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और पर्यावरण-अनुकूल हो जाएंगी।उन्होंने कहा कि राज्य में परिवहन प्रणाली की औसत रफ्तार राष्ट्रीय औसत से 40 प्रतिशत कम है जो एक हाई स्पीड परिवहन प्रणाली, पर्यावरण के अनुकूल भी हो को अपनाए जाने की महती आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, "आजकल लोगों के भीतर हर फील्ड में तेज गति से भागने के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सुपरफास्ट वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए टिकट मिलना मुश्किल हो रहा है। जिससे पता चलता है कि राज्य में ज्यादातर लोग रफ्तार प्रेमी है। वे ऐसी हाई-स्पीड परिवहन प्रणाली को अपनाना पसंद करते हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत 1,135 करोड़ रुपये
स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) मंत्री एमबी राजेश ने भी अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “ तिरुवनंतपुरम स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत 1,135 करोड़ रुपये थी। ''जिसमें से केंद्र का हिस्सा 500 करोड़ रुपये है, जबकि नगर निगम 135 करोड़ रुपये वहन करता है।'' उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों का नया समावेश राज्य की राजधानी को हरा-भरा बनाने के लिए ओणम का उपहार साबित हुआ है।