रो पड़ेंगे आप भी: बीमार पिता को गोद में लेकर दौड़ा बेटा, हर कोई दंग रह गया
केरल के राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक घटना के सिलसिले में सू मोटो केस दर्ज किया है। यह केस एक व्यक्ति को 65 वर्षीय बीमार पिता को पैदल...
नई दिल्ली: केरल के राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक घटना के सिलसिले में सू मोटो केस दर्ज किया है। यह केस एक व्यक्ति को 65 वर्षीय बीमार पिता को पैदल ले जाने के लिए मजबूर किए जाने को लेकर किया गया है। मालूम हो कि यह व्यक्ति बीमार पिता को ऑटोरिक्शा से ले जा रहा था, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक लिया। साथ ही पुलिस ने लॉकडाउन का हवाला दिया और उन्हें ऑटो से उतरवा दिया। ऐसे में उस व्यक्ति को अपने बीमार पिता को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। पुलिस की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। देशभर में लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें देखकर आपका दिल कराह उठेगा।
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पुलिस ने लॉकडाउन की बात रखी
केरल के कुलथुपुझा निवासी 65 वर्षीय बीमार व्यक्ति को पुनालुर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिली तो बेटा ऑटोरिक्शा से उन्हें घर वापस ले जा रहा था। लेकिन रास्ते में बैरिकेडिंग पर पुलिस वालों ने ऑटोरिक्शा रोक लिया। बीमार व्यक्ति के बेटे ने पुलिसवालों को अस्पताल के दस्तावेज दिखाए और गुजारिश की कि उन्हें ऑटोरिक्शा में जाने दिया जाए। पुलिसवाले नहीं माने और कहा कि लॉकडाउन की वजह से ऑटोरिक्शा आगे नहीं जा सकता।
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राज्य मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब
जब ऑटोरिक्शे को आगे नहीं जाने दिया गया तो बेटे के पास कोई विकल्प नहीं था। वह बीमार पिता को गोद में उठाकर पैदल ही घर की ओर निकल पड़ा। करीब एक किलोमीटर तक बेटे को बीमार पिता को गोद में लेकर ही जाना पड़ा। इस दौरान कई लोगों ने इस तरह पिता को उठाकर ले जाते हुए समय का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। यह वीडियो जब राज्य मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आया तो उन्होंने मामला दर्ज कर पुलिस से जवाब मांगा है।
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