Kisan Andolan: दो दिन के लिए रूका किसानों का ‘दिल्ली मार्च’, एक किसान की मौत, 12 पुलिसकर्मी जख्मी
Kisan Andolan: हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दावा किया है कि बुधवार को पुलिस से झड़प में एक किसान की मौत हो गई।
Kisan Andolan: किसानों ने दो दिन के लिए ‘दिल्ली चलो मार्च’ को स्थगित कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को एकबार फिर किसानों से बातचीत की मेज पर आने की अपील की गई थी। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि केंद्र के प्रस्ताव पर किसानों के बीच चर्चा की जाएगी, फिर शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। तब तक किसान शांतिपूर्वक पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे रहेंगे।
दरअसल, बीते रविवार को केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता विफल रहने के बाद 21 फरवरी को किसानों ने फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया था। अबकी बार किसान पंजाब से पॉकलेन और जेसीबी जैसी भारी मशीनरी के साथ हरियाणा बॉर्डर की ओर बढ़े ताकि पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को ध्वस्त किया जा सके।
एक प्रदर्शनकारी युवा किसान की मौत
हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दावा किया है कि बुधवार को पुलिस से झड़प में एक किसान की मौत हो गई। किसान नेता बलबीर सिंह सिरसा ने कहा कि पंजाब के बठिंडा जिले के बालोके गांव के निवासी 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की संगरूर-जिंद को जोड़ने वाले खनौरी बॉर्डर पर हो गई।
पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के अधीक्षक एचएस रेखी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि तीन लोगों को खनौरी सीमा से यहां लाया गया था, जिनमें से एक की मौत हो चुकी थी। मृतक के सिर पर चोट लगी थी। दो अन्य लोगों की हालत स्थिर है। इससे पहले एक अन्य बुजुर्ग किसान हार्ट अटैक होने से मौत हो गई थी।
हरियाणा पुलिस ने मौत को बताया अफवाह
हरियाणा पुलिस ने युवा किसान की मौत की खबर को अफवाह करार दिया है। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पर बताया गया कि किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों तथा एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जो उपचाराधीन है। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला करने का आरोप लगाया है।
हरियाणा पुलिस ने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि बुधवारा को दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियो ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस का चारों तरफ से घेरवा पर उनपर लाठी, डंडे और गडांसे से हमला किया। पुलिस टीम पर पथराव भी हुआ। इस घटना में लगभग 12 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। बता दें कि इससे पहले हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर विजय कुमार का देर शाम देहांत हो गया, वो टोहाना बॉर्डर पर तैनात थे। आंदोलन में अब तक तीन पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है।
पंजाब सरकार बोली, लेंगे एक्शन
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने युवा किसान की मौत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि शुभकरण सिंह आंदोलन में फोटो खिंचाने नहीं गया था। वह वहां अपनी फसलों के सही दाम मांगने गया था। शुभकरण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी और मामले की जांच की जाएगी। दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजाब सरकार की ओर से शुभकरण के परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
शुभकरण की मौत पर भड़की कांग्रेस
किसान शुभकरण सिंह की मौत पर विपक्ष ने केंद्र पर हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है। मित्र मीडिया के पीछे छिपी भाजपा से एक दिन इतिहास ‘किसानों की हत्या’ का हिसाब ज़रूर मांगेगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की फ़ायरिंग से मृत्यु बेहद पीड़ादायक है। याद दिलाना ज़रूरी है कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी भाजपा सरकार के तहत पुलिस फ़ायरिंग में किसानों की जान गई थी। मोदी जी ने खुद संसद में किसानों को “आंदोलनजीवी” व “परजीवी” जैसे अपशब्द कहें हैं।
किसानों की क्या है मांग ?
किसानों की ओर से केंद्र सरकार के सामने 12 मांगी रखी गई हैं। इनमें प्रमुख है न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून, किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी, किसान और खेतिहर मजदूरों को पेंशन, दिल्ली किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी, लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय।