Toll Tax Hike: क्या है टोल टैक्स ? जानें क्यों और कैसे वसूला जाता है...जानें सब कुछ डिटेल में
Toll Tax Hike Latest News: 31 मार्च रात 12 बजे से देश के तमाम एक्सप्रेसवे और हाइवे पर टोल दरें 10 फीसदी बढ़ जाएंगी। इससे पहले आज इस रिपोर्ट में समझेंगे कि टोल टैक्स क्या होता है, क्यों वसूला जाता है, कैसे वसूला जाता है।
Toll Tax Hike Rates: देश में अब आपको अपने वाहन से सफर करना अगले महीने से महंगा पड़ने वाला है। क्योंकि कई राज्यों में टोल टैक्स महंगा होने जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने नई दरों की सूची जारी कर दी है। 31 मार्च रात 12 बजे से देश के तमाम एक्सप्रेसवे और हाइवे पर टोल दरें 10 फीसदी बढ़ जाएंगी। आज इस रिपोर्ट में समझेंगे कि टोल टैक्स क्या होता है, क्यों वसूला जाता है, कैसे वसूला जाता है।
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टोल टैक्स क्या होता है? (What is Toll Tax)
जब भी हम कोई वाहन सड़क पर लेकर चलते हैं तो उसके बदले एक राशि का भुगतान करना पड़ता है, जिसे टोल टैक्स कहा जाता है। टोल टैक्स सिर्फ नेशनल हाइवे, सुरंगे, एक्सप्रेसवे या राजमार्ग समेत अन्य सड़कों पर लिया जाता है। ये टैक्स नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा वसूला जाता है। एनएचआई सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। टोल टैक्स दो तरह का होता है।
1. स्टेट हाइवे टोल टैक्स: देश में स्टेट हाइवे टोल टैक्स उन वाली सड़कों पर वसूला जाता है, जो एक ही राज्य में एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ती हैं।
2. नेशनल हाइवे टोल टैक्स: देश में नेशनल हाइवे टैक्स उन सड़कों पर वसूला जाता है। जो सड़के एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ती हैं।
टोल क्यों वसूला जाता है? (Toll Tax Kyon Kata Jata Hai)
देश नें अच्छी क्वालिटी की सड़कें बनाने में सरकार का अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है। नैशनल हाइवे/एक्सप्रेसवे बनाने में अरबों रुपये लग जाते हैं। ऐसे में टोल के जरिए वह लागत वसूली जाती है। मेंटेनेंस के लिए भी टोल टैक्स लिया जाता है। टोल टैक्स बाइक, कार, ट्रैक समेत बड़े वाहनों पर वसूला जाता है। टोल टैक्स वसूलने के लिए टोला प्लाजा बनाए जाते हैं। जहां पर सभी वाहनों को रोककर टो टैक्स वसूला जाता है। सड़कों पर जो भी टोल प्लाजा बनाए जाते हैं उनके बीच में कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी रखी जाती है।
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कैसे वसूला जाता है टोल टैक्स? (Kaise Katata Hai Toll Tax)
अगर आप सड़क पर वाहन लेकर चलते हैं तो आपने टोल प्लाजा पर टोल टैक्स जरुर दिया होगा। जिन लोगों ने टोल टैक्स नहीं दिया है, वो लोग सोच रहे होंगे कि आखिर टोल टैक्स कैसा जमा किया जाता है। यदि नहीं जानते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टोल टैक्स का भुगतान फास्ट टैग या कैश के माध्यम से जमा किया जाता है। ये आनलाइन या आफलाइन टैक्स नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा वसूला जाता है, क्योंकि देश में नेशनल हाइवे के निर्माण और उनके रखरखाव का काम नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है।
कैसे बनवाएं फास्टैग (Kaise Banwaye Fastag)
फास्टैग से टोल टैक्स का आनलाइन भुगतान किया जाता है, ऐस में सोंच रहें होंगे कि अब फास्टैग का निर्माण कैसे करवाया जाए। टोल प्लाजा पर दोनों तरफ दो-दो काउंटर फास्टैग कार्ड बनाने के लिए खोले गए हैं। यदि आप भी लंबी-लंबी कतारों से बचना चाहते हैं तो टोल प्लाजा पर ही फास्टैग बनवा सकते हैं। टोल प्लाजा पर फास्टैग बनवाने के लिए वाहन मालिक का आरसी, वाहन मालिक का आधान कार्ड और पैन कार्ड देना, जिसके बाद में आप जिस बैंक से भी आधार कार्ड बनवाना चाहते हैं बनवा सकते हैं। पेटीएम से कार्ड बनवाने पर 250 रुपये देने होते हैं। इसमें से 150 रुपये फास्टैग कार्ड में बैलेंस के रूप में क्रेडिट हो जाता है। जबकि बैंक के काउंटर पर 270 रुपये में आप अपनी गाड़ी का फास्टैग बनवा सकते हैं, इसमें 220 रुपये कैशबैक बैलेंस के रूप में आपके खाते में मिल जाता है।
टोल प्लाजा पर 10 सेंकेड से ज्यादा वेट करने पर नहीं पड़ता टोल टैक्स
नेशनल हाइवे अथॉरिटी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर अगर किसी वाहन को टोल कटाकर आगे जाने में 10 सेकंड से ज्यादा का वेटिंग टाइम लगता है तो वह बिना टोल टैक्स दिए जा सकता है।
इसके अलावा, टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर से अधिक लंबी नहीं होनी चाहिए यदि ताकि यात्रियों को लंबा इंतजार न करना पड़े। अगर लाइन 100 मीटर से अधिक है तो आप बिना टोल टैक्स दिए आगे जा सकते हैं।
जानें किन लोगों को नहीं देना पड़ता टोल टैक्स?
नेशनल हाइवे फी रूल्स 2008 के मुताबिक देश के व्यक्तियों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है। जिन लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है, उनमें शामिल हैं - राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज, केंद्र में राज्य मंत्री, केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपाल, जनरल रैंक वाले चीफ ऑफ स्टाफ, राज्य की विधानपरिषद के चेयरमैन, राज्य की विधानसभा के स्पीकर, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, हाई कोर्ट के जज, सांसद, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, राज्यों के मुख्य सचिव (राज्य के भीतर), भारत सरकार के सचिव, राज्य सभा के सचिव लोकसभा के सचिव, राजकीय दौरे पर आए विदेशी राजनयिक, विधायक, विधानपरिषद सदस्य (पहचान पत्र दिखाने पर), परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है।