Kolkata Case: महिला डॉक्टर की लाश के पास दिखे संदीप घोष के करीबी, 43 सेकंड का वीडियो वायरल होते ही उठे कई सवाल
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में लेडी डाक्टर से रेप और मर्डर के मामले में हर दिन नए नए खुलासे सामने आ रहे हैं। वहीं सोमवार को एक 43 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी और पुलिस अधिकारी को दिखाया गया।
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाताः कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डाक्टर से रेप के बाद मर्डर के मामले में रोजना नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। वहीं अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। 43 सेकंड के इस वीडियो में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कुछ करीबी और पुलिस वाले 9 अगस्त की सुबह रेजिडेंट डॉक्टर का शव मिलने के बाद सेमिनार हॉल में दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के बाद क्राइम सीन को सुरक्षित रखने में लापरवाही के आरोप लगे हैं। पुलिस का कहना है कि वीडियो में दिख रही जगह वही हॉल है जहां अपराध हुआ था, लेकिन लोग 40 फुट के उस हिस्से से आगे इकट्ठा हुए थे जिसे कॉर्डन ऑफ किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस को सुबह 9ः30 बजे शव मिलने के लगभग 40 मिनट बाद घटनास्थल के बारे में पता चला। वहीं कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पुलिस को सतर्क करने में 40 मिनट की देरी हुई। जैसे ही हमें अपराध के बारे में पता चला, हमारे अधिकारी ऊपर भागे और उस जगह को सफेद पर्दों से घेर लिया जो अस्पताल में व्यू कटर के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
वीडियो में दिख रहे लोगों में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रदर्शक देबाशीष सोम और घोष के दो सहयोगी वकील शांतनु डे और कलकत्ता एनएमसीएच डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसून चट्टोपाध्याय शामिल हैं। डे ने दावा किया है कि वह अस्पताल के ओपीडी में से एक में थे और खबर सुनकर मौके पर गए थे।
वहां कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी
डीसी (मध्य) इंदिरा मुखर्जी ने शाम को लालबाजार में संवाददाताओं से कहा कि सेमिनार हॉल में जिस क्षेत्र में महिला डाक्टर का शव पाया गया था, उसे अपराध स्थल को दूषित होने से बचाने के लिए बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि सेमिनार हॉल 51 फीट × 32 फीट का कमरा है। जब महिला डाक्टर का शव मिला था, तो 40 फीट × 32 फीट क्षेत्र को घेरने के लिए अस्पताल के पर्दे का इस्तेमाल किया गया था। यहां केवल जांचकर्ताओं, फोरेंसिक विशेषज्ञों, पुलिस, फोरेंसिक फोटोग्राफर, शव को स्थानांतरित करने के लिए नियुक्त लोगों, पीड़िता के माता-पिता और एक रिश्तेदार को ही जाने की अनुमति थी। वीडियो में दिखाई देने वाले सभी लोग शेष 11 फीट × 32 फीट क्षेत्र में खड़े थे। वह स्थान जहां अपराध हुआ था और जहां शव मिला था, वहां कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी।
उपायुक्त ने कही ये बात
डीसी (मध्य) इंदिरा मुखर्जी ने कहा कि कॉर्डन ऑफ किए गए क्षेत्र के बाहर मौजूद लोगों में पीड़ित परिवार के सदस्य, अस्पताल के अधिकारी, पुलिसकर्मी, जूनियर डॉक्टर और घोष के वकील शामिल थे। परिजनों को बाद में अपराध स्थल के अंदर जाने दिया गया। कॉन्फ्रेंस हॉल में इस क्षेत्र को अलग कर दिया गया था क्योंकि जूनियर डॉक्टर के शव को बाहर नहीं निकालने दे रहे थे। उन्होंने हॉल में खड़े होकर कई मांगों की सूची बनाई और हमने उनके लिए मांगों को लिखने की जगह बनाई जो समय-समय पर बदलती रहीं। हमने इमरजेंसी से मेडिकल ऑफिसर को भी हॉल में बुलाया, जहां उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया।