Kumar Vishwash: कुमार विश्वास ने आरएसएस को बताया अनपढ़, देर शाम रामकथा निरस्त होने का पत्र वायरल
Kumar Vishwash- उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने कहा कि आज के युग में सरकारों को रामराज्य की तरह ही टैक्स लेना चाहिए ताकि जनता को पता भी न चले और जरूरत के समय उनकी मदद भी की जा सके
Kumar Vishwash- लेखक और कवि कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधते हुए संघ को अनपढ़ कहा है। कुमार विश्वास उज्जैन में भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। कुमार विश्वास के भाषण के दौरान मंच पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव व सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद थे। अब कुमार विश्वास का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
कुमार विश्वास राम राज्य के बजट के बारे में लोगों को प्रेरक प्रसंग सुना रहे थे। केंद्रीय बजट को राम राज्य के बजट से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि संघ से जुड़े लोग कहते हैं कि राम राज्य में बजट नहीं होता था। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दो तरह के लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक वामपंथी हैं जो कुपढ़ हैं। उन्होंने पढ़ा तो है लेकिन गलत पढ़ा है। दूसरे वे लोग हैं जिन्होंने पढ़ा ही नहीं है। वे कहते हैं कि हमारे वेदों में ये लिखा है लेकिन वेदों में क्या लिखा है उन्होंने देखा ही नहीं हैं।
राम राज्य का प्रसंग सुनाते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि राम ने भरत से कहा कि हम सूर्यवंशी हैं। इसलिए हमें टैक्स ऐसे लेना चाहिए जैसे सूर्य टैक्स लेता है। सूरज समुद्र और नदियों से ऐसे पानी लेता है कि उन्हें पता ही नहीं चलता और वह उसी पानी को जरूरत के समय बारिश के रूप में उन्हें लौटाता है। आज के युग में भी सरकारों को ऐसे ही टैक्स लेना चाहिए कि जनता को पता चले और जरूरत के समय उन्हीं पैसों से उसकी मदद की जा सके।
बड़ा नेता वह है जो...
कुमार विश्वास ने कहा कि नेता वह बड़ा होता है जो अपने आसपास बड़े नेता बनाए। श्रीराम ने सुग्रीव और विभीषण को राजा बनाया। अंगद को युवराज बनाया। कुमार विश्वास ने कहा कि श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए व्यक्ति को कभी निराश नहीं होना चाहिए लेकिन आज एक छोटा सा अवसर छिन जाने पर लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। लेकिन राम ने राज्याभिषेक नहीं होने पर अपनी मां से कहा था कि आप चिंतित न हो, पिताजी ने मुझे वनवास नहीं दिया, बल्कि जंगल का राज्य दिया है। उस जंगल का राज्य दिया है, जहां सारी बड़ी चुनौतियां मुझे बड़ा बनाएंगी।
विपरीत परिस्थितियों में भी बनाएं रहें नैतिकता
कुमार विश्वास ने कहा कि राम वन-वन घूमे। वंचितों को गले लगाया और छोटी-छोटी शक्तियों को एकजुट किया। वन में जाते समय राम राजकुमार थे लेकिन 14 वर्षों बाद वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बनकर लौटे। इससे सीख मिलती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें नैतिकता बनाये रखनी है।
वायरल हुआ ये पत्र
बुधवार देर शाम महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान ने रामकथा को ही निरस्त किया गया है। कुमार विश्वास को संबोधित पत्र में लिखा है, "आपसे विक्रमोत्सव 2023 में श्रीराम कथा के लिए अनुरोध किया गया था। लेकिन एक भक्तिमय रामकथा में आपके द्वारा अवांछित, अमर्यादित और दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं जिसको लेकर समाज में अत्यंत रोष है। अत: शेष रामकथा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। खेद है कि एक सांस्कृतिक और धार्मिक श्रीराम कथा कार्यक्रम में आपके द्वारा अमर्यादित टिप्पणियां की गई हैं।"
बताया जा रहा है नकली पत्र
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने इस पत्र को झूठा बताया है। खबरों के मुताबिक, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि विक्रमोत्सव 2023 अंतर्गत 21 से 23 फरवरी 2023 तक कुमार विश्वास की चलने वाली राम कथा का कार्यक्रम पूर्ववत है। सोशल मीडिया पर जारी पत्र नकली है। इसकी कोई सत्यता नहीं है।