क्या हुआ परिणाम: 12 घंटे चली भारत-चीन के बीच वार्ता, ये चीजें आई सामने
मंगलवार को पूर्वी लद्दाख पर भारत-चीन के बीच तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के मध्य वार्ता हुई है। बता दें, मंगलवार सुबह शुरू हुई ये वार्ता देर रात को समाप्त हुई थी।
नई दिल्ली : मंगलवार को पूर्वी लद्दाख पर भारत-चीन के बीच तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के मध्य वार्ता हुई है। बता दें, मंगलवार सुबह शुरू हुई ये वार्ता देर रात को समाप्त हुई थी। कोर कमांडर लेवल की 12 घंटे से ज्यादा लंबी वार्ता चली। इस वार्ता में लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल में बीते कई हफ्तों से चल रहे विवाद के मुद्दों थे।
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कोई ठोस परिणाम नहीं
बीते दिन हुई दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच लंबी वार्ता में परिणामों को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है। फिलहाल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सैनिक पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर इस वार्ता में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस वार्ता का मुख्य फोकस पैंगॉन्ग त्सो का फिंगर-4 इलाका था। इस 12 घंटे से लंबी चली वार्ता से तीन चीजें निकलकर सामने आईं।
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वार्ता से तीन चीजें
उनमें से पहला- सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया कैसे शुरू हो, इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
दूसरा- दोनों पक्षों ने अपनी सैनिक पीछे हटाने को लेकर काफी सारी बातें की, लेकिन उस पर भी कोई आपसी सहमति नहीं बन पाई।
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तीसरा- पेट्रोल प्वाइंट-14 सहित कई क्षेत्रों से दोनों तरफ से सैनिक पीछे हटे थे, लेकिन वो सिर्फ सांकेतिक ही साबित हुआ।
अब कैसे होगा तनाव कम
ऐसे में इन हालातों को देखते हुए जब इतनी लंबी वार्ता का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया, तो उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाली सर्दी ही इस तनाव को ठंडा कर सकती है क्योंकि इस इलाके में सर्दी में सैनिकों के लिए पेट्रोलिंग मुश्किल हो जाएगी।
इसके साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सैनिक हटाना तो दूर उलटे चीनी तरफ एलएसी पर बीते 72 घंटों में सैनिकों की टोली और बढ़ गई है। चीन ने अपने और सैनिक सीमा पर तैनात कर दिए हैं।
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