लालू यादव के कॉल रिकॉर्डिंग केस में रांची पुलिस ने ऐसा बयान देकर सभी को चौंकाया

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था। जिसमें उनकी तरफ से ऐसा दावा किया गया था कि रांची में सजा काटने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने बिहार में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक से फोन पर सम्पर्क किया था।

Update: 2020-12-10 09:10 GMT
शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।

नई दिल्ली: इस वक्त की सबसे बड़ी खबर झारखण्ड के रांची से आ रही है। मामला चारा घोटाले के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित ऑडियो टेप से जुड़ा हुआ है।

इस मामले में बरियातू थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने से मना कर दिया है। पुलिस की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में थाने में केस दर्ज नहीं किया जाएगा।

बता दें कि गत 27 नवंबर को इस मामले में भाजपा के स्थानीय नेता अनुरंजन अशोक की ओर से लिखित शिकायत थाने में दी गई थी। अपनी शिकायत पत्र के साथ भाजपा नेता ने एक पेन ड्राइव भी दिया था। इसमें कथित ऑडियो होने का दावा किया गया था।

आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव (फोटो-सोशल मीडिया)

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क्या है ये पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि बीते दिनों बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था। जिसमें उनकी तरफ से ऐसा दावा किया गया था कि रांची में सजा काटने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने बिहार में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक से फोन पर सम्पर्क किया था और उनसे बातचीत भी की थी।

लालू यादव ने उनसे बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहने की बात कही थी। इतना ही नहीं लालू यादव ने विधायक को इस काम को करने के लिए प्रलोभन भी दिया था। उसके बाद इस मामले ने बिहार के अंदर तूल पकड़ लिया था।

रांची के बरियातू इलाके से जुड़ा होने के कारण इस मामले में भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता की ओर से थाने में लिखित शिकायत देकर राजद सुप्रीमो पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई थी।

शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।

यह भी कहा गया था कि इस बात की विवेचना की जाएगी कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की ओर से एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है अथवा नहीं। यह भी कहा गया था कि शिकायत पत्र के साथ दिए गए ऑडियो की सत्यता की जांच की जाएगी।

ऑडियो की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आए बगैर ही शिकायत मिलने के 13 दिनों बाद आखिरकार बरियातू पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने से मना कर दिया है।

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आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव (फोटो-सोशल मीडिया)

पुलिस प्रशासन का पक्ष

वहीं इस पूरे प्रकरण पर बरियातू थाना के इंस्पेक्टर सपन महथा का कहना है कि विधायक को फोन करने के मामले में पटना में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। ऐसे में रांची में दोबारा प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर कोई सनहा दर्ज कराता है तो थाने की यह जिम्मेवारी है कि वह सनहा स्वीकार करे।

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